विवादित धार्मिक मुद्दों को उछालकर जो विवाद उत्पन्न किया जा रहा है, वह बडी चिंता का विषय है : विद्रोही

धर्म की आस्था व मान्यताओं के नाम पर जान-बूझकर विवादों को हवा दी जा रही है जो देश की शांति, भाईचारे व सदभाव के लिए तो खतरा है : विद्रोही

7 जुलाई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि प्रदेश-देश में भाजपा-संघी राज में लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी, बिगडती कानून व्यवस्था, आर्थिक बदहाली से ध्यान हटाने के लिए सुनियोजित ढंग से धर्म के मुद्दों को हवा देकर देश-प्रदेश में साम्प्रदायिक उन्माद व नफरत को बढाकर समाज में बटवारा करके संघी बाटो और राज करो अंग्रेजों की नीति पर काम कर रहे है। विद्रोही ने कहा कि धर्म व्यक्तिगत आस्था व परम्पराओं का विषय है। 140 करोड़ देश के भारत में कौन क्या धर्म मानता है, कैसी पूजा पद्वति अपनाता है और व धर्म की किन परम्पराओं में आस्था रखता है, यह हर व्यक्ति का निजी मामला व संवैद्यानिक अधिकार है। लेकिन आजकल धर्म की आस्था व मान्यताओं के नाम पर जान-बूझकर विवादों को हवा दी जा रही है जो देश की शांति, भाईचारे व सदभाव के लिए तो खतरा है ही, साथ में सत्तारूढ भाजपा व संघी सरकार को ज्वलंत मुददो से भागने का मौका भी दे रहा है।

विद्रोही ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी चरम पर है। इस समय बेरोजगारी दर 7.80 प्रतिशत है, वहीं हरियाणा पूरे देश में बेरोजगारी का सिरमौर रहकर बेरोजगारी दर 30 प्रतिशत से ज्यादा है। वहीं थोक महंगाई दर 15 प्रतिशत व खुदरा महंगाई दर 8 प्रतिशत पार कर चुकी है। बढ़ती महंगाई से आम आदमी का तेल निकला जा रहा है। इस बढती महंगाई के बाद भी मोदी सरकार ने आटा, दाल, रसोई की पैकेट बंद खाद्य वस्तुओं, स्वास्थ्य सेवाओं पर भी जीएसटी की दरे बढ़ाकर आमजन को भरपेट रोटी न मिले व बीमार होने पर ईलाज महंगा हो, इसका प्रबंध करके उसका जीना दूभर कर दिया। रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1053 रूपये हो चुकी है। देशभर में उज्जवला योजना के तहत मिले गैस उपभोक्ताओं में से 3.5 करोड़ लोगों ने महंगी गैस के कारणे एक साल से सिलेंडर ही नही भरवाया है। इन ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए लोगों को धर्म की आस्था व परम्पराओं की अफीम चटाकर भटकाया जा रहा है। 

विद्रोही ने अरारोप लगाया कि हरियाणा में भ्रष्टाचार चरम पर है। प्रदेश में उच्च प्रशासनिक व पुलिस ट्रांसफर-पोस्टिंग की खुली बोलिया लग रही है। अब तो राजनीतिक नियुक्तियों में भी भारी लेन-देन हो रहा है। हरियाणा फार्मेसी काऊंसिल के चेयरमैन, वाईस चेयरमैन, रजिस्ट्रार का काऊंसिल रजिस्टेऊशन में मोटा माल रिश्वत के रूप में लेना व विजिलैंस गिरफ्तारी मुंंह बोलता प्रमाण है कि राजनीतिक रूप से नियुक्त संघी किस हद तक लूट मचाये हुए है। भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी, बिगड़ी कानून व्यवस्था से ध्यान हटाने सुनियोजित ढंग से विवादित धार्मिक मुद्दों को उछालकर जो विवाद उत्पन्न किया जा रहा है, वह बडी चिंता का विषय है। विद्रोही ने हरियाणा के लोगों से अपील की कि मुद्दों से भटकाने की भाजपा-संघी चालों से सजग रहे और अपने जीवन से जुडे मुद्दों को लेकर संघर्ष करते हुए आपसी भाईचारा, प्रेम, सदभाव मजबूत करे ताकि फासीस्ट संघी सरकार उन्हे भटका व बाट न सके।

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