काउंसिल के प्रधान धनेश अदलखा के खिलाफ रिश्वत लेने की सैकड़ों शिकायतें आने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई
काउंसिल के उपप्रधान ने विजिलेंस के सामने स्वीकार किया है कि दलाल से उन्हें चार लाख मिले थे जिसमें से दो लाख रूपए उन्होंने काउंसिल के प्रधान अदलखा को दिए थे
विजिलेंस की पूछताछ में दलालों ने स्वयं कबूल किया है कि पंजीकरण के 60 हजार रूपए और डिग्री के एक लाख रूपए लिए जाते थे

चंडीगढ़, 6 जुलाई: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में पैसे लेकर पंजीकरण करने का खेल सरकारी संरक्षण में चल रहा था। काउंसिल के प्रधान धनेश अदलखा के खिलाफ रिश्वत लेने की सैकड़ों शिकायतें आने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि अदलखा को सरकार का संरक्षण प्राप्त था।

हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल का प्रधान अदलखा फरार है जिसको अभी तक पुलिस पकड़ नहीं पाई है मतलब साफ है कि उसे बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। काउंसिल के उपप्रधान के दफ्तर से 1.40 लाख रूपए बरामद हुए हैं वहीं इस रैकेट से जुड़े दलालों के पास नगदी और जाली सर्टिफिकेट मिलना इस बात की ओर संकेत करता है कि यह खेल बहुत बड़े पैमाने पर चल रहा था। काउंसिल के उपप्रधान ने विजिलेंस के सामने स्वीकार किया है कि दलाल से उन्हें चार लाख मिले थे जिसमें से दो लाख रूपए उन्होंने काउंसिल के प्रधान अदलखा को दिए थे। विजिलेंस की पूछताछ में दलालों ने स्वयं कबूल किया है कि पंजीकरण के 60 हजार रूपए और डिग्री के एक लाख रूपए लिए जाते थे।

प्रदेश में कोई भी विभाग, बोर्ड और कमीशन ऐसा नहीं है जहां रिश्वत लिए बगैर किसी का कोई काम होता हो। प्रदेश की भाजपा गठबंधन सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। भाजपा सरकार में शामिल सभी संतरी से लेकर मंत्री तक प्रदेश को दोनों हाथों से लूटने में लगे हैं।

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