लघुसचिवालय पर तालाबंदी की घोषणा के बाद जागा प्रशासन,

धरने पर पहुंचकर डीएसपी व सीएमओ ने कोरोना योद्धाओं को आश्वासन देकर खत्म करवाया आमरण अनशन

प्रधानमंत्री ने कोरोना योद्धाओं के पैर धोए लेकिन हिसार प्रशासन ने इनकी नौकरी छीनी: प्रदीप भानखड़
कोरोना योद्धाओं की नौकरी बहाली मामले में कचहरी पर तालाबंदी को लेकर अनशनकारियों व पुलिस में हुई झड़प, नारेबाजी कर सीएम का पुतला फूंका
अनशनकारी हाथों में ताला तो पुलिस लाठी लिए खडे रहे एक दूसरे के सामने
प्रदर्शनकारीयों ने डीसी हिसार के तबादले की उठाई मांग
कोरोना योद्धाओं की लिस्ट लेने पीडब्लूडी के अधिकारी पहुंचे धरनास्थल पर

हिसार,4 जुलाई 2022 – दो दिन पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आमरण अनशन कर रहे कोरोना योद्धाओं जैकी, मोनिका व अमित तथा अन्य प्रदर्शनकारीयों ने सोमवार को लघुसचिवालय गेट पर हाई वोल्टेज ड्रामा किया। जैसे ही सुबह प्रदर्शनकारी लघुसचिवालय गेट पर एकत्रित होना शुरू हुए वैसे ही सामने भारी पुलिस बल ने भी मोर्चा संभाल लिया।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भीम आर्मी के प्रदीप भानखड़, प्रवक्ता संतलाल अम्बेडकर, एडवोकेट बजरंग इन्दल,आशा बाल्याण, एडवोकेट अनिल नलवा,विजय आठवाल, किसान नेता दिलबाग हुड़्डा व अन्य ने कोरोना योद्धा मोनिका व जैकी के हाथों में ताला देकर लघुसचिवालय गेट पर तालाबंदी करनी चाहिए तो पुलिस से उनकी कड़ी कहासूनी और हल्की झड़प हुई। इस दौरान पुलिस ने लाठियों का बेरीकेट्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को तालाबंदी करने में सफल नहीं होने दिया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने फिर लघुसचिवालय गेट पर ही पुलिस की मौजूदगी में सीएम का पुतला फूंका।

मोके पर तनावपूर्ण हालातों में डीएसपी अशोक सिहान व सीएमओ डॉ रत्ना भारती पहुंची। तब अनशनकारियों में उन्हें अपनी व्यथा सुनाकर नौकरी बहाली की मांगो से अवगत करवाया। सीएमओ के द्वारा हेल्थ विभाग के उच्च अधिकारीयों से दो दिनों में सम्पर्क कर उन्हें नौकरी के बारे में सूचित कर कोरोना योद्धाओं को पुन बहाल करने का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद आमरण अनशनकारियो व अन्य सभी की आपसी सहमति से जैकी, मोनिका व अमित को जूस पिलाकर उनका आमरण अनशन खत्म करवाया गया।

इससे पहले कोरोना योद्धाओं, भीम आर्मी, छात्र संगठन व किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाषणबाजी कर जिला प्रशासन व सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली। प्रशासननिक अनदेखी से गुस्साए अनशन कर रहे कोरोना योद्धाओं ने डीसी हिसार के तबादले की मांग तक उठाई। इस दौरान मोके पर ज्ञापन लेने आए सीएमओ को ज्ञापन के माध्यम से कहा की कोरोना कोविड के समय उन्होंने नौकरी के माध्यम से जान जोखिम में डालकर मानवता की सेवा की है। सरकार व प्रशासन ने उनकी सेवाओं को अनदेखा कर धोखा किया है। कोरोना कोविड के समय जहां प्रधानमंत्री कोरोना योद्धाओं के स्वयं पैर धोकर उनका होंसला बढ़ा रहे थे वहीं हिसार जिला प्रशासन में इसका उल्टा करते हुए संकट के समय काम आने वाले कोरोना योद्धाओं को बिना नोटिस दिए नौकरी से निकाल कर घर बैठा दिया। कोरोना योद्धाओं ने कहा की उनका आमरण अनशन नौकरी बहाली को लेकर है। प्रशासन व सरकार सोए हुए है। यदि आमरण अनशन के दौरान उन्हें कुछ हो जाता है या मृत्यु हो जाती है तो इसके जिम्मेदार सीएम व हिसार की डीसी होंगी।

वहीं प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे भीम आर्मी के प्रदीप भांखड़ व संतलाल अम्बेडकर ने कहा की कोरोना योद्धाओं की पुन नौकरी की मांग जायज है। प्रशासन व सरकार इस मामले में ढीलाई बरत रहे है। कुछ कोरोना योद्धाओं को नौकरी देना व कुछ को छोड़ देना यह प्रशासन का पक्षपाती रवैया है।

तीनों कोरोना योद्धाओं की बिगड़ी तबियत

आमरण अनशन कर रहे तीनों कोरोना योद्धाओं जैकी, मोनिका व अमित की हालात पांचवे दिन और ज्यादा बिगड गई। मोके पर डाक्टरों की टीम ने उनका स्वास्थ्य चैकअप किया। और फिर वार्ता होने के बात तीनों को एम्बुलेंस से सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

प्रदर्शन के बाद पीडब्लूडी के अधिकारी पहुंचे धरनास्थल, मांगी कोरोना योद्धाओं की लिस्ट

अमशन समाप्ति के बाद पीडब्लूडी के अधिकारी लघुसचिवालय धरने पर पहुंचे। उन्होंने संजीवनी कोविड अस्पताल से हटाए गए योद्धाओं की लिस्ट मांगी।

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