पवन कुमार रेवाड़ी — आज देश में सेना में अग्निपथ के माध्यम से भर्ती करने कि योजना को लागू कर,सरकार ने सेना में भर्ती युवाओं को अग्निवीर कहा है I केंद्र सरकार कहती है कि हमने अग्निवीर तैयार किये है ताकि देश में आने वाले भविष्य के खतरे को संभाला जा सके,यह मैं नहीं कह रहा, बल्कि भाजपा भक़्त और केंद्र सरकार कह रही है I काश सेना में अग्निवीर बनाने से से पहले राजनीति में अग्निवीर बनाने चाहिए थे ताकि देश का राजनैतिक ढांचा सुधर सके और जो सुविधाएं सेना के अग्निवीरों को सरकार देना चाहती है वो ही सुविधाएं राजनीति के अग्निवीरों को भी दी जानी चाहिए और उनका चुनाव भी सेना के अग्निवीरों कि तरह होना चाहिए I उनको पहले चार साल सेना के अग्निवीर बनना चाहिए उसके बाद वह पहले सरपंच,फिर नगर पार्षद,जिला पार्षद का,उसके बाद चेयरमैन , फिर विधायक उसके बाद लोकसभा या राज्यसभा का चुनाव लड़ना चाहिए I उनकी भी योग्यता कम से कम ग्रेजुएट होनी चाहिए और उन्हें भी रिटर्न और फिजिकल पास करना चाहिए और चुनाव के लिए योग्य समझा जाना चाहिए I और फिर उसकी राजनीति से रिटायरमेंट भी होनी चाहिए I यानी,पंच,सरपंच,पार्षद कि उम्र 35 साल से ज्यादा ना हो,विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए उम्र 45 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और सांसद कि उम्र 50 साल से ज्यादा ना हो और 55 वर्ष कि उम्र तक राजनीति से रिटायर्मेंट हो जानी चाहिए और जो एक बार चुनाव लड़ चुका,उसे उसी पद के लिए दोबारा लड़ने का अधिकार नहीं होना चाहिए I इस तरह हमारी राजनीति युवा और एनर्जीटीक होगी, जिससे देश का विकास होगा I एक बात तो मैं बताना भूल गया I कि नेताओं को एक की तनखा मिलनी चाहिए और कोई पेंशन नहीं मिलनी चाहिए I अगर पहले कोई विधायक है उसे मानो एक लाख रूपये तनखा और फिर वो सांसद बनता है तो उसकी विधयाक की पेंशन बंद कर देनी चाहिए और विधायक या सांसद कि तन्खा और खर्चे तभी तक मिलना चाहिए जबतक वह सांसद या विधायक है और यही नियम अन्य चुनाव में लागू होने चाहिए I इतना ही नहीं अब युवाओं को सेना में भर्ती होने से पूर्व ऑफिडेविट देना होगा है कि वह किसी तोड़ में शामिल नहीं और जो तोड़-फोड़ में पाया गया उसको फ़ौज में नहीं लिया जायेगा I काश यही नियम राजनीति में लागू हो जाये तो राजनीति का ढांचा सुधर जाये I राजनीति में आने वाले नेताओं से भी चुनाव आयोग को एक ऐसा ऑफिडेविट भरवाना चाहिए कि वह भ्रष्टाचार और अपराध नहीं करेंगे, स्विस बैंक में काल धन जमा नहीं करायेगे और अगर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार के खिलाफ कोई, अपराधिक मामला है , बलात्कारी है ,रिश्वत खोरी या हत्या का मामले दर्ज है तो उनको चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होना चाहिए जब तक मामला चल रहा है और निर्दोष साबित नहीं हो जाये I यह समय पुराने पेटर्न कि राजनीति का अंतिम है और 2027 के आसपास राजनीति का नया अंकुर फूटेगा जो अग्निपथ पर चलते हुए राजनीति में नये अग्निवीर उभरेगे जो स्वच्छ राजनीति को जन्म देंगे, यानी 2030 के बाद कि जो राजनीति होगी वह देश को नई दिशा देगी जो देश को विकास के पथ ले जायेगी तब तक केंद्र सरकार कि मनमानी यो ही चलती रहेगी I Post navigation 21 नगर निकाय चेयरमैन भाजपा-जजपा गठबंधन के 23 चेयरमैन उनके खिलाफ, दावा भारी समर्थन का ? विद्रोही मुख्यमंत्री खट्टर राव इन्द्रजीत सिंह के साथ राजनीतिक प्रतिद्धंता का दंड अहीरवाल को क्यों दे रहे है ? विद्रोही