पीएम मोदी ने भारतीय योग को दुनिया में दिलवाई नई पहचान.
योग मन से आत्मा और आत्मा से परमात्मा को जोड़ने का माध्यम.
ळम सभी योगासन और पर्यावरण को जीवन में करें आत्मसात

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 योग की परिभाषा बहुत ही जटिल गूढ़ और रहस्य भरी है । योग तन और मन दोनों को स्वस्थ रखता है । योग के बहु आयामी लाभ को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने भारतीय प्राचीन स्वास्थ्य पद्धति योग को दुनिया में नई पहचान दिलवाने का कार्य किया । आज दुनिया के अनेका अनेक देशों में योग वहां के लोगों की दिनचर्या बन चुका है । योग मन को आत्मा से और आत्मा परमात्मा से जोड़ती है । सीधे और सरल शब्दों में योग अध्यात्म पर चलने का भी एक ऐसा माध्यम है , जिसके द्वारा मन की शांति को प्राप्त किया जा सकता है । जब मन शांत होगा तो मन में विकार उत्पन्न नहीं होंगे, जब विकार नहीं होंगे तो शरीर भी स्वस्थ रहेगा । यह बात पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता ने आठवें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के मौके पर पटौदी में आयोजित योग शिविर के मौके पर कही ।

इससे पहले यहां आगमन पर सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप जलाया गया और सभी के स्वस्थ रहने की कामना की गई । पटौदी के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी बॉयज स्कूल परिसर में मंगलवार को आठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस स्फूर्ति और ऊर्जा के साथ में मनाया गया। इस मौके पर योगाचार्य डॉक्टर ईश्वर और विनोद के द्वारा विभिन्न योगासन क्रियाओं की जानकारी देते हुए इन योग क्रियाओं को भी आयोजन स्थल पर उपस्थित बच्चों से लेकर बुजुर्गों को करवाते हुए इनके जीवन पर्यंत प्राप्त होने वाले लाभ के विषय में जानकारी दी गई। प्रतिदिन कुछ समय निकालकर नियमित योगासन करते हुए मन और तन को पूरी तरह से स्वस्थ रखा जा सकता है । यही बात मुख्य रूप से सभी के बीच साझा की गई । इस मौके पर पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार, पटौदी के एसीपी हरिंदर शर्मा , पटौदी थाना प्रभारी राकेश कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी डॉ धर्मपाल , कप्तान हुकमचंद, विनोद कुमार, आयुष विभाग से डॉ जयिता चौधरी, डॉक्टर सुमित , डॉ सतीश यादव के अलावा जोगिंदर , सरपंच एकता मंच के जिला अध्यक्ष अजीत सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे । मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के मौके पर विशेष रुप से छोटे बच्चों में अलग ही प्रकार की उमंग और उत्साह अपने स्वास्थ्य के प्रति देखा गया । खास बात यह रही कि महिला वर्ग की उपस्थिति भी उत्साहवर्धक देखी गई ।

इस मौके पर एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा कि योगासन और पौधारोपण दोनों का प्रकृति के संतुलन और जीवो के स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण योगदान है। पौधारोपण करने से पर्यावरण शुद्ध होगा और जब पर्यावरण शुद्ध होगा तो हमारा स्वस्थ भी रहना संभव है । इसी प्रकार स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण में योगासन करते हुए हम सभी अपने मन और तन को भी स्वस्थ रख सकते हैं । योग की परिभाषा आपस में जोड़ना है, फिर वह चाहे मनुष्य से मनुष्य को जोड़ा जाए , मन को आत्मा से जोड़ा जाए और आत्मा को परमात्मा से जोड़ा जाए । जब आत्मा को परमात्मा से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त होगा तो निश्चित ही मन को अनंत शांति प्रदान होगी । योग वास्तव में भारतीय ही नहीं दुनिया की सबसे पुरानी और प्राचीन चिकित्सा पद्धति है । अनादि काल में जब किसी भी प्रकार की औषधि या शल्य चिकित्सा की सुविधा नहीं थी , उस समय ऋषि मुनि तपस्वी केवल और केवल योग के बल पर ही विभिन्न प्रकार के जटिल रोगों का उपचार करते थे । यह परंपरा आज भी पूरी दुनिया में सबसे अधिक विश्वसनीय भारत देश में ही मानी जा रही है ।

उन्होंने बताया कि योग और योगासन स्वस्थ रहने में कितना अधिक कारगर है , इसका सबसे बड़ा उदाहरण कोरोना महामारी के दौरान देखने के लिए मिला । अनेकानेक लोगों के द्वारा उस समय भी नियमित रूप से योग क्रियाएं करते हुए अपने आप को स्वस्थ रखा गया। इस मौके पर उन्होंने सभी का आह्वान किया कि योगासन और पौधारोपण को अपने अपने जीवन में आत्मसात अवश्य करें । इसी मौके पर कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों को पौधे भी भेंट किए गए । इस आयोजन की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि और संदेश योग करने वाले बच्चों के द्वारा विभिन्न योगासन के माध्यम से मंच पर अंग्रेजी अक्षरों में योगा लिखकर या फिर योगा की आकृति बनाकर प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन अपने आप में संदेश देने के लिए पर्याप्त रहा की आज के दौर में प्रत्येक व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए योग और योगासन एक अपना अलग ही मुकाम कायम कर चुका है।

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