यह कैसा मानक है कि 60 से 65 साल के जनरल तो शारीरिक रूप से फिट व सेना के लिए जरूरी है, वहीं 32 साल के सैनिक अनफिट व सेना के लिए जरूरी नही? विद्रोही

20 जून 2022 – रविवार को मोदी जी के इशारे पर थल सेना, वायु सेना व नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अग्निपथ भर्ती योजना को जरूरी व सेना को युवा करने की जरूरत बताने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सवाल किया कि यदि सेना में अग्निपथ योजना इतनी ही जरूरी है तो यह केवल सिपाहियोंं की भर्ती में ही क्यों लागू की जा रही है, अधिकारियों की भर्ती में क्यों लागू नही? वहीं विद्रोही ने पूछा कि क्या सेना में सैनिकों की औसत आयु 32 साल की बजाय 26 साल करने से सेना युवा बनती है तो अफसरो की औसत आयु कम क्यों नही की जा रही? यह कैसा मानक है कि 60 से 65 साल के जनरल तो शारीरिक रूप से फिट व सेना के लिए जरूरी है, वहीं 32 साल के सैनिक अनफिट व सेना के लिए जरूरी नही? सेना अधिकारियों व मोदी सरकार की यह सोच बताती है कि वे अग्निपथ योजना के नाम पर सेना में सिपाही भर्ती होने वाले किसान, मजदूरों, ग्रामीणों के बच्चों को अग्निवीर बनाने का प्रयोग करकेे उनके भविष्य, सपनों के साथ खिलवाड करने को तैयार है क्योंकि वे आम लोग है। पर सेना अफसरों पर अग्निपथ योजना का प्रयोग नही करना चाहते है, क्योंकि अफसरों की भर्ती में ज्यादातर सेना अफसर, उच्च वर्ग व साधन सम्पन्न लोगों के बच्चे ही भाग लेते है। 

विद्रोही ने सवाल किया कि सेना में अग्निपथ योजना का प्रयोग आमजनों के बच्चों पर ही क्यों? अफसर बनने वाले खासजनों के बच्चों पर ऐसा प्रयोग क्यों नही? मोदी सरकार का यह रवैया बताता है कि खासजनों के लिए काम करने वाली व खासजनों से संचालित, खासजनों की सरकार है जिनके लिए आमजन केवल प्रयोग की वस्तु है। अग्निपथ योजना लागू करने के बाद विगत पांच दिनों में ही 6 परिवर्तन करने के बाद भी सेना अधिकारी व मोदी सरकार बेसुरा राग अलाप रहे है कि यह योजना काफी विचार-विमर्श बाद बनाई पुख्ता योजना है, फिर पांच दिन में 6 संशोधन क्यों किये गए? सेना अधिकारियों को प्रैसवार्ता करके यह कहना कि अग्निपथ योजना किसी भी हालत में रद्द नही होगी, गैरलोकतांत्रिक व अहंकारी बयान है। विद्रोही ने कहा कि सेना अधिकारी व मोदी सरकार यह नही भूले कि भारत में आज भी लोकतंत्र कायम है। देश में अभी सैनिक तानाशाही या राजशाही लागू नही हुई है। लोकतंत्र में कौनसी योजना योजना लागू होगी, कौन की वापिस होगीे, यह अहंकार व तानाशाही से नही अपितु आपसी विचार-विमर्श व जनभावना से तय होता है न कि किसी तानाशाही अंहकारी सोच से। 

विद्रोही ने कहा कि आजकल सेना अधिकारी भी राजनेताओं की तरह सरकार के बचाव में बयानबाजी करने लगे हैे जो देश के लोकतंत्र के लिए बहुत ही खतरनाक प्रवृत्ति है। सेना का काम सरकार की योजनाओं का बचाव करने की बजाय गैरराजनीतिक पेशेवर ढंग से राष्ट्र सुरक्षा करना है। विद्रोही ने कहा कि सेना अधिकारी न भूले कि पोलिसी बनाना सेना का नही लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार का काम है। आज मोदी-भाजपा-संघ सत्ता में है और 2024 में यदि भारत की महान जनता ने कांग्रेस नेतृत्व में विपक्ष की सरकार चुनी तब इस कथित क्रांतिकारी अग्निपथ योजना का क्या होगा? कांग्रेस-विपक्ष सरकार बनने पर युवा, ग्रामीण, आमजन विरोधी, राष्ट्रीय सुरक्षा विरोधी अग्निपथ योजना का रद्द होना तय है।