अग्निपथ सेना भर्ती योजना से युवाओं में आक्रोश अपने आप उपजा है, युवाओं का भविष्य बर्बाद हो जायेगा ? विद्रोही

जिस तरह नवम्बर 2016 में नोटबंदी के तुगलकी फैसला लेने से पहले मोदीजी ने किसी भी स्टेक होल्डर की राय नही ली थी, उसी तरह सेनाओं में भर्ती के लिए घोषित अगिनपथ की घोषणा से पहले भी किसी स्टेक होल्डर से चर्चा नही की।विद्रोही
घोषणा के मात्र 24 घंटे बाद ही मोदी सरकार की सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के लिए किये जा रहे सुधार व सफाई खुद हीे मुंह बोलता प्रमाण है कि यह योजना बिना सोचे-समझे व किसी से विचार किये बिना तुगलकी फैसला है : विद्रोही

17 जून 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि जिस तरह बिना सोचे-सझमे मोदी ने वष्र 2016 में नोटबंदी के तुगलकी फैसले से देश के मध्यम व निम्न वर्ग की आर्थिक स्थिति बद से बदतर बनाकर उन्हे बेरोजगारी व आर्थिक बदहाली के कुचक्र में धकेला था, उसी तरह सशस्त्र सेनाओं में भर्ती की अग्निपथ योजना का प्रयोग ना केवल भारत की सेना, राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करेगा अपितु सशस्त्र सेनाओं में चार साल के लिए अग्निवीर के नाम से भर्ती होने वाले युवाओं का भविष्य भी बर्बाद हो जायेगा। 

विद्रोही ने कहा कि जिस तरह नवम्बर 2016 में नोटबंदी के तुगलकी फैसला लेने से पहले मोदीजी ने किसी भी स्टेक होल्डर की राय नही ली थी, उसी तरह सेनाओं में भर्ती के लिए घोषित अगिनपथ की घोषणा से पहले भी किसी स्टेक होल्डर से चर्चा नही की। मोदी सरकार की घोषित अग्निपथ सेना भर्ती योजना में कितने लूप होल है, यह इसी से पता चलता है कि योजना की घोषणा के 24 घंटे बाद ही सरकार को उम्र की सीमा 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष की। वहीं अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को 4 साल बाद सेना से निकालने बाद पुनर्वास के लिए आफ्टर थोट के बाद नये-नये दावे विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालय व भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री कर रहे है। घोषणा के मात्र 24 घंटे बाद ही मोदी सरकार की सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के लिए किये जा रहे सुधार व सफाई खुद हीे मुंह बोलता प्रमाण है कि यह योजना बिना सोचे-समझे व किसी से विचार किये बिना थोप गया ऐसा तुगलकी फैसला है जा सेना के प्रोफेशनल, योग्यता, प्रतिबद्धता, दक्षता, राष्ट्र सेवा, सुरक्षा की भावना को तो कमजोर करेगी ही साथ में आगे चलकर सेना का मूलभूत ढांचा भी काफी कमजोर कर देगा जिससे सशस्त्र सेनाओं की अब तक कठिन परिश्रम से पाई दक्षता, कर्मठता, प्रतिबद्धता का प्रभावित होना तय है। जिस तरह हरियाणा के विभिन्न भागों सहित देशभर में युवा अग्निपथ योजना का जोरदार विरोध करने सडकों पर उतरे है, उसे मोदी सरकार, भाजपाई-संघी व सरकार भक्त विपक्ष पर युवाओं को भडकाने व बहकाने का आरोप लगाकर वास्तविकता से मुंह मोडने का कितना भी कुप्रयास कर ले, पर जमीनी वास्तविकता यही है कि युवाओं में यह आक्रोश अपने आप उपजा है जो मोदी जी की तुगलकी फैसलों, झूठे दावों, वादों, जुमलों के कारण जमीन पर उतरा है। 

विद्रोही ने कहा कि नोटबंदी के समय भी प्रधानमंत्री मोदीजी ने कालाधन तथा नकली नोट व नगदी प्रचलन खत्म होने का दमगज्जे मारे थे, लेकिन खुद रिवर्ज बैंक रिपोर्ट कहती है कि नकली नोट बढ़े, नकदी प्रचलन भी बढा है। वही कालाधन बेशुमार बढा है। हालत यह हो गई है कि मोदी राज आने के बाद विदेशी बैंकों में जमा कालाधन 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा हैे व स्वीस बैंकों में भी भारत का 30.5 हजार करोड़ रूपये का कालाधन जमा हो चुका है।

इसी तरह सशस्त्र सेनाओं में 4 साल की अग्निपथ भर्ती योजना पर मोदी सरकार व संघीयों के किये सभी दावे हवा-हवाई व जुमले है जिनका सच्चाई व जमीनी धरातल की वास्तविकता से कोई लेना देना नही। अग्निपथ योजना के दावे भी वैसे ही जैसे 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी जी ने हर वर्ष बेरोजगारों को 2 करोड़ रोजगार देने का जुमला था। सरकार तत्काल अग्निपथ भर्ती योजना को वापिस ले और पूर्व की तरह नियमित भर्ती करने की प्रक्रिया जारी रखते हुए सशस्त्र सेनाओं में खाली सभी पदों पर तत्काल भर्ती शुरू करे और सेना में अनावश्यक प्रयोग करने से बाज आये। 

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