जनता दरबार में आए लोगों की समस्याओं का हुआ निवारण, लोगों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार.
जोगी समाज को मुख्यमंत्री ने दिया गुरु गोरखनाथ जयंती मनाने का आश्वासन

चंडीगढ़, 15 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा बुधवार को अपने निवास स्थान संत कबीर कुटीर में लगाए जनता दरबार के बाद लोग मुस्कुराते चेहरों के साथ उनका धन्यवाद करते हुए घर की तरफ लौटे। मुख्यमंत्री ने न केवल उनकी समस्याओं को सुना बल्कि उन्हें हल करने के लिए तत्काल अधिकारियों को आदेश भी दिए। यहां पहुंचे लोगों ने खुद बताया कि मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि समाज के अंतिम और वंचित को कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। 

जनता दरबार में आए घुमंतू जनजाति कल्याण मंच के सदस्य जसमेर सिंह बंजारा ने बताया कि वे अपने समाज के लोगों के साथ मुख्यमंत्री आवास पर घुमंतु जाति से जुड़ी अलग-अलग मांग लेकर पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने इत्मिनान से उन्हे सुना और विश्वास दिलाया कि समाज के अंतिम और वंचित का उत्थान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से सरकार हर व्यक्ति का डाटा एकत्रित कर रही है, पात्र व्यक्ति को स्वयं उनसे जुड़ी योजनाओं का लाभ मिलेगा। जसमेर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि घुमंतु जाति के लोगों का भी परिवार पहचान पत्र बनाया जा रहा है। जिस भी परिवार की सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है, उसे सरकारी योजनाओं का लाभ सबसे पहले मिलेगा। सरकार का मुख्य ध्येय ऐसे परिवारों की आय को बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने उन्हें पीला राशन कार्ड भी पीपीपी के माध्यम से बनाने का आश्वासन दिया। 

जनता दरबार में पहुंचे अखिल भारतवर्षीय नाथ समाज के योगी दयानंद ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के समक्ष मांग रखी है कि गुरु गोरखनाथ जी की जयंती मनाई जाए। इस पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, बाबा बालकनाथ के साथ बैठकर नाथ समाज के लोग गुरु गोरखनाथ जी की जयंती का दिन तय करें। तारीख तय हो जाने पर हरियाणा सरकार गुरु गोरखनाथ की जयंती मनाएगी। योगी दयानंद ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का धन्यवाद और आभार जताया।

जनता दरबार के दौरान भाखड़ा डैम विस्थापित एसोसिएशन के पदाधिकारी भी मुख्यमंत्री से अपनी मांगों को लेकर मिले। इसकी जानकारी देते हुए एसोसिएशन के प्रधान हजारी लाल शर्मा ने कहा कि भाखड़ा डैम बना तो उन्हें हरियाणा के फतेहाबाद, हिसार और सिरसा में विस्थापित किया गया था। यहां से जुड़ी कुछ मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को बड़े ध्यान से सुना। उनकी मुख्य मांग कब्जे को लेकर थी, जिस पर तत्काल कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी को आदेश दिए हैं। हजारी लाल शर्मा और उनके साथ आए अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का दिल से धन्यवाद किया। 

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