15 जून 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने प्रधानमंत्री मोदीजी के आने वाले डेढ़ साल में केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों, मंत्रालयों में 10 लाख नई भर्तीया करने के दावे को लोकसभा चुनाव 2024 में बेरोजगार युवाओं को भावनात्मक रूप से ठगकर उनकी वोट हडपने का झांसा बताया। विद्रोही ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मोदीजी का विगत आठ साल का कार्यकाल मुंह बोलता प्रमाण है कि वे एक ऐसे झांसेबाज प्रधानमंत्री है जो लोगों की वोट हडपने के लिए जुमलेबाजी, वादों का झांसा देते है, लेकिन कभी अपनीे कही बात पर खरा नही उतरते है। डेढ़ वर्षो में विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों के विभागों में दस लाख नई भर्तीया करने का दावा भी बेरोजगारी से त्रस्त व आक्रोशित युवा के आक्रोश को कम करकेे नौकरियां देने का झांास देकर उन्हे बरगालकर लोकसभा चुनाव 2024 में वोट हडपने का कुप्रयास के अलावा कुछ नही है। यदि मोदीजी युवाओं को रोजगार देने के प्रति जरा भी गंभीर व ईमानदार होते तो लोकसभा चुनाव 2014 में हर वर्ष दो करोड़ यु वाओं को रोजगार देने के अपने वादे को ईमानदारी व गंभीरता से पूरा करने का प्रयास करते न कि उसेेे चुनावी जुमला बताकर भागते? 

विद्रोही ने कहा कि स्वयं केन्द्र सरकार के अधिकृत आंकडों अनुसार भारत सरकार के विभिन्न विभागों, मंत्रालयों, केन्द्र शासित प्रदेशों में हर स्तर की नौकरियों के स्वीकृत पद 40.78 लाख है जबकि 1 मार्च 2020 तक इन स्वीकृत पदों पर केवल 31.91 लाख कर्मचारी ही कार्यरत थे। मार्च 2020 के बाद विगत दो वर्षो से कोविड के बहाने सरकारी भर्तीया तो नही हुई अपितु सरकारी कर्मचारियों को रिटायर होने से खाली पदों की संख्या और बढ़ गई। सवाल उठता है कि मोदी सरकार ने 2014 से 2020 तक केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों, मंत्रालयों व केन्द्र शासित राज्यों में खाली पड़े लगभग 10े लाख पदों को भरने के लिए कोई भी गंभीर प्रयास क्यों नही किये और जब आज देश में विगत 45 सालों की सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर होने से देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ भारी रोष है तब 2024 लोकसभा चुनाव में हार के डर से बेरोजगारी के आक्रोश से डरकर आने वाले डेढ़ साल में 10 लाख नौकरियां देने का जुमला क्यों उछाला? 

विद्रोही ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया का इतिहास गवाह है कि डेढ़ वर्ष में 10 लाख सरकारी नौकरियां देने की सारी प्रक्रिया पूरी हो नही सकती। मोदीजी को बेरोजगारों को रोजगार देने की बजाय रोजगार मिलेगा, केवल यह झांसा देकर युवाओं को ठगना है। मोदीजी की तुगलकी आर्थिक नीतियों के चलते लोगों के लगे-लगाये रोजगार वर्ष 2016 से लगातार छीनते जा रहे है। केन्द्रीय सरकारी उपक्रमों को औनेपौने दामों में अपने पूंजीपति मित्रों को बेचने के लिए जहां एक ओर उनमें नई भर्तीया नही की गई, वहीं सरकारी पीएसयू की हालत ऐसी कर दी जिससे उनकी आर्थिक व प्रशासनिक स्थिति बदहाल हो जाये और सत्ता दुरूपयोग से मोदी जी सरकारी उपक्रमों को अपने पूंजीपति मित्रों को दे दे। जो प्रधानमंत्री स्वयं देश की सम्पत्ति को बेचकर सत्ता दुरूपयोग सेे अपने मित्रों की तिजौरियां भरने को उतारू हो, ऐसा षडयंत्रकारी व झांसेबाज नरेन्द्र मोदी धरातल पर युवाआं को रोजगार देगा, यह एक मृगतृष्णा है। विद्रोही ने कहा कि इसी तरह सशस्त्र सेनाओं में चार वर्ष के अनुबंध पर सिपाहियोंं को कथित अग्निवीर के नाम से भर्ती करने की योजना से सेनाओं के युद्ध कौशल को बर्बाद करेगी, वहीं युवाओं का सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का सपना टूटेगा और सेना में चार वर्ष की टेऊनिंग लेकर जब वे सेना से निकाले जाएंगे तो पूंजीपतियों के उद्योगों व घरों में चौकीदार बनकर रह जायेंगे। 

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