संघी विचारधारा वाले मुख्यमंत्री के निवास का नाम संत कबीर कुटीर रखना, कबीर साहेब के साथ क्रुर मजाक

13/6/2022 :- ‘सीएम आवास का नाम बदल कर संत कबीर कुटीर आवास कर देने से उसमें रहने वाले लोगों का आचरण थोडे न बदल जायेगा, अगर खट्टर साहब सभी कार्य ‘मनसा वाचा कर्मणा’ की भावना के साथ करते तो आज प्रदेश के सभी वर्ग सडकों पर आकर न्याय मांगने को मजबुर नही हो रहे होते।’ उक्त बातें महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी पत्र में कही। उन्होनें सीएम आवास का नाम संत कबीर कुटीर नाम करने की हरियाणा के सीएम द्वारा की गई घोषणा पर खट्टर को घेरते हुए कहा की अगर गाँव का सबसे शरारती बालक अपना नाम प्रेमचंद रख ले तो क्या वो सुधर जाएगा ? जैसे ही गाँव में कोई प्रदर्शन होगा तो वो कहेगा कि पांच – सात अपने वाले भेजकर दंगे करवाओ, जेल की चिंता मत करो, नेता बण के निकलेंगें।

महिला कांग्रेस नेत्री ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा कि जो सीएम अपनी टीम व पार्टी के साथियों को ही सम्मान न दे सके वो कैसे उस कुटीर की मर्यादा रख पायेगा जिसमें वो निवास कर रहा है। उन्होनें सीएम पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि जो ये कहते हैं की मैनें सब कुछ कबीरदास से ही सिखा, समझा व जाना है उनका ये कहना ही उस संत शिरोमणि के साथ क्रुर मजाक है।

महिला कांग्रेस नेत्री ने सीएम को नसीहत देते हुए कहा कि नाम बदलने से कुछ नही होता, जरुरत हैं उनकी शिक्षाओं व आदर्शों को सही अर्थों में जीवन में उतारने की। उन्होनें कहा कि जिनके जीवन में सादगी लेश मात्र भी न हो, झूठ, पाखंड, जुमले व बदले की भावना जिसके मन में चरम पर हों जो रोज विरोधियों के खिलाफ षड्यंत्र रचते हों वो भला कैसे कबीर कुटीर में रह सकता है।

संत कबीरदास विचारधारा संघी हिंदुत्व विचारधारा के एकदम विपरित है, वे तो समाजवादी-समतामूलक समाज के समर्थक थे और आप सांप्रदायिक संघी हिंदुत्व विचारधारा समर्थक। फिर संत कबीर विचारधारा और संघी हिंदुत्व सोच में क्या मेल?

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