कड़ी मेहनत के बल पर खेलो इंडिया में लिया गोल्ड
रिद्धि का कहना, सरकार की नीतियों और पिता के सहयोग से मिली है कामयाबी

चंडीगढ़, 12 जून- हरियाणा की खिलाड़ी तीरंदाज रिद्धि शीर्ष पर रहने की आदी है और अपने खेल में गहन प्रैक्टिस करने की वजह से ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गोल्ड पर कब्जा करने में कामयाब रही है।

अपने पिता मनोज कुमार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के साथ अपनी खेल कला का अभ्यास करने वाली रिद्धि ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में लड़कियों की तीरंदाजी प्रतियोगिता की रिकर्व बो कैटेगरी में एक और जीत हासिल कर शीर्ष पर जगह बनाई है।

रिद्धि ने आज जीते गोल्ड को अपने पिता को समर्पित करते हुए कहा कि ‘मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देती हूं’। उन्होंने बताया कि जब वह तीरंदाजी से जुड़ गई तो उसके पिता खेल को घर ले आए, घर की छत पर ही सुविधाएं स्थापित की और उन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं के अनुसार धनुष और तीर लाकर दिए।

रिद्धि ने कहा कि उनके पिता मनोज कुमार को तीरंदाजी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन वे इसमें रुचि रखते थे।  उन्होंने व्यक्तिगत रूप से रिद्धि को तैयार करने के लिए लंबी और कड़ी मेहनत की क्योंकि करनाल में और उसके आसपास कोई कोच नहीं था।

रिद्धि ने 2018 में खेलो इंडिया में पदार्पण किया लेकिन सेमीफाइनल में जगह बनाने में असफल रही।  2019 में हुए खेलो इंडिया में कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में अमनप्रीत कौर से हार गईं। परंतु 2020 में उन्होंने कांस्य जीता। इस बार विश्व नंबर 47 रिद्धि ने स्वर्ण जीता, जिससे हरियाणा की मेडल तालिका की स्थिति में इजाफा हुआ क्योंकि मेजबान टीम मेडल तालिका में शीर्ष पर अपना स्थान बनाने के लिए बेताब थी।

रिद्धि का कहना है कि वर्तमान हरियाणा सरकार की खेल नीति काफी अच्छी है और उस खेल नीति की वजह से उनके खेल में भी लगातार निखार आया है और यही कारण है कि वे खेलो इंडिया में स्वर्ण पदक जीत पाई हैं।

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