प्रगति रैली में राव इंद्रजीत को भी कर चुके हैं मुख्यमंत्री अपमानित
–ब्राह्मणों पर दांव लगाना बीजेपी की आदत

रौनक शर्मा

रोहतक–पहरावर गांव में 22 मई को गौड़ संस्था जमीन के उठे विवादित मामले के बाद जहा एक तरफ नवीन जयहिंद प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़े कर रहे हैं ओर प्रदेश के भृमण पर निकले हुए हैं और ब्राह्मण समाज मे जागरूकता अभियान छेड़े हुए हैं वही दूसरी तरफ आज रोहतक में हुए राज्य स्तरीय संत कबीर दास जयंती समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ की उपस्थिति में रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा का अपमान हो गया

गौतरलब हैं आज रोहतक में प्रदेश स्तरीय कबीर दास का जयंती समारोह चल रहा था जिसमे रोहतक के ही बीजेपी के सांसद अरविंद शर्मा को प्रोग्राम के लिए बुलाया नही दिया गया अरविंद शर्मा बड़ा दिल दिखाते हुए जयंती समारोह में पहुँच गए लेकिन उन्हें समारोह में मनोहरलाल के होते अपमानित होना पड़ा उनके लिए समारोह में कुर्सी तक नही लगाई हुई थी जबकि अरविंद शर्मा रोहतक से ही बीजेपी के लोकसभा सांसद हैं जबकि बीजेपी के उपाध्यक्ष ओर पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के लिए अलग से कुर्सी लगाई हुई थी

अरविंद शर्मा स्वयं के लिए कुर्सी ना लगी हुई देखकर आपा खो बैठे ओर स्टेज से नीचे उतर मीडिया गैलरी में कुर्सी पर जा बैठे जिससे खुलकर पार्टी की फुट ऊजागर हो गई

गौर करने योग्य बात हैं रोहतक सांसद अरविंद शर्मा गौड़ संस्था जमीन मामले के कारण पार्टी से नाराज चल रहे हैं और प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुख्यमंत्री और रोहतक के पूर्व विधायक मनीष ग्रोवर पर आरोप भी लगा चुके हैं जिसके कारण आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद सांसद के आरोपो को आधार बनाकर मुख्यमंत्री के खिलाफ रोहतक के सिविल लाइन्स थाने में एफआईआर करने के लिए शिकायत पत्र दे चुके हैं वही अरविंद शर्मा ने भी 21 जून से गौड़ संस्था की जमीन ब्राह्मण समाज और गौड़ संस्था को नही दिए जाने के कारण धरने पर बैठने की चेतावनी दी हुई हैं

गत दिनों मुख्यमंत्री गृरुग्राम में हुई प्रगति रैली में गृरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत को ना बुलाकर राव इंद्रजीत को भी अपमानित कर चुके हैं इसके साथ ही कल तक विनोद शर्मा की बुराई करने से नही थकने वाले बीजेपी नेताओ का कार्तिक शर्मा को राज्यसभा चुनाव में समर्थन करने को बीजेपी की मजबूरी ही कहा जा सकता हैं इससे पहले भी बीजेपी सोनीपत ओर रोहतक में ब्राह्मण नेताओ पर दांव लग़ाकर बलि का बकरा बना चुकी हैं जिससे लगता हैं कि बीजेपी सरकार ब्राह्मण नेताओ से खेला खेल रही हो

प्रदेश में होने वाले समारोह में सिटिंग सांसद को नही बुलाना प्रदेश के मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर सवाल खडे करता हैं और ऐसा लगता हैं कि जैसे मुख्यमंत्री अपने आप को सर्वेसर्वा समझने लगे हैं और अपनी ही पार्टी के सांसदों को त्योज्या ना देते हुए हारे हुए पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को भी सर्वेसर्वा बनाना चाहते हो जबकि जनता को कबीर दास के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दे रहे

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