कमलेश भारतीय

राजनीति ने काफी कुछ बदल लिया । नियम , शर्तें और दिशा सब कुछ बदलते जा रहे हैं । न पहले वाले नेता और न वो राजनीति की तस्वीर । विचारधारा गयी कहीं उड़नछू होकर । अब सिर्फ और सिर्फ हमारे साथ रहने का संदेश । नहीं तो वही गाना प्यारा सा :

तुम किसी और को चाहोगी
तो मुश्किल होगी ,,,

यह संदेश बिल्कुल साफ और स्पष्ट है पूरे देश में । चाहे दिल्ली हो या गुजरात या फिर हमारा प्यार हिसार ही क्यों न हो ? या फिर पंजाब ही क्यों न हो ? आ जाओ हमारी पवित्र पावन पार्टी में -सारे पाप धुल जायेंगे , सारे ग्रह दोष मिट जायेंगे और आप जैसी महान् आत्मा कोई नहीं होगी ।आप पर देशद्रोह का भी केस हो और हमारे पास आते ही सब दुख दूर । गुजरात के युवा नेता हार्दिक पटेल के केस अब खत्म होने वाले हैं क्योंकि सही सरोवर में स्नान कर चुके हैं । सारे पाप धुलने ही वाले हैं । पश्चिमी बंगाल में भी ऐसे ही चुनाव से पहले कितने नेताओं का जीवन सुधर गया था । ममता बनर्जी की जीत के बाद वे फिर गलत राह पर चले गये हैं और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये हैं । हार्दिक पटेल जब तक कांग्रेस में थे तो देशद्रोही का केस चल रहा था । अब पवित्र सरोवर में स्नान कर लिया है और जल्द ही इनके पाप धुलने वाले हैं । पंजाब में अभी अभी आधा दर्जन नेताओं ने इस सरोवर में डुबकी लगाई है और एक केवल ढिल्लों को तुरंत फल की प्राप्ति हो गयी है -संगरूर से पार्टी ने प्रत्याशी बना दिया है । इधर आओ , उधर पाओ । इस फूल को पकड़कर चलोगे तो सारी खुशियां मिलेंगीं ।

कभी हिमाचल के पंडित सुखराम के सारे पाप हमारे पास आते ही धुल गये थे । हमारा संदेश साफ है । हाथ को पकड़कर चलोगे तो मुश्किलें बढ़ेंगीं जैसे हिसार के डाॅ महेंद्र जुनेजा की बढ़ीं । देख लो अभी पंद्रह दिन पहले कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा घर आये और कांग्रेस का पटका पहना कर गये थे । बस ।।खटक गये । बन गये आंख की किरकिरी । आ गया विभाग और लग गया स्टोर पर छापा । इसे कहते हैं गलत टाइमिंग । अभी टाइमिंग सही नहीं । अभी या तो हमारे पास आओ या चुपचाप अवसर देखो । समय से पहले ही यह काम करोगे तो फिर जो महेंद्र जुनेजा के साथ हुआ , आपके साथ भी , किसी के साथ भी हो सकता है । हम किसी से अलग व्यवहार नहीं करते । एक ही तरह का व्यवहार सबके साथ । सबका साथ , सबका विकास करते देर नहीं लगाते नहीं तो ईडी , सीबीआई जैसी एजेंसियां किस दिन काम आयेंगीं ?
अब सोच लीजिए कि

तुम किसी और को चाहोगी
तो मुश्किल होगी , ,
तुम किसी गैर को चाहोगी
तो मुश्किल होगी ।
हमारे साथ रहोगे
तो ऐश करोगे
जिंदगी के सारे मजे कैश करोगे ,,,
साडे नाल ,,,

हंसराज हंस ऐ कर रहे हैं न दिल्ली में साथ बन कर इसी दिलेर मेहंदी के समधि तो आप भी गाने से कुछ समझो
किसके साथ रहोगे तो ऐश करोगे ?
पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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