आयुष विभाग की योग कोच भर्ती में हुई जमकर धांधली- दीपेंद्र हुड्डा आवेदन की अंतिम तारीख से पहले ही चहेतों को पकड़ाए ज्वाइनिंग लेटर- दीपेंद्र हुड्डा 66 योग कोच व 1000 योग सहायकों की भर्ती जल्द करे सरकार- दीपेंद्र हुड्डा सरकार की युवा व रोजगार विरोधी नीतियों ने फिर बनाया हरियाणा को बेरोजगारी में नंबर वन- दीपेंद्र हुड्डा सड़क से संसद तक उठाएंगे बेरोजगारी व भर्ती अनियमितताओं के शिकार युवाओं की आवाज- दीपेंद्र हुड्डा 5 जून, चंडीगढ़। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार नौकरियों में भ्रष्टाचार की आदत से बाज नहीं आ रही है। पक्की भर्तियों के बाद अब कच्ची भर्तियों में भी खुलेआम धांधलेबाजी हो रही है। उन्होंने आयुष विभाग की योग कोच भर्ती का जिक्र करते हुए बताया कि इसमें कदम-कदम पर नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। इस भर्ती में गड़बड़झाले के लिए सरकार इतनी बेताब दिखी कि आवेदन की आखिरी तारीख से पहले ही अपने चहेते उम्मीदवारों को विभाग ने जॉइनिंग लेटर जारी कर दिया। दस्तावेजों का हवाला देते हुए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आयुष विभाग की तरफ से योग कोच की अनुबंध आधारित भर्ती निकाली गई थी। जबकि नियमों के मुताबिक योग कोच की भर्ती सिर्फ खेल विभाग कर सकता है। लेकिन इससे भी बड़ा खेल भर्ती निकलने के बाद हुआ। इसके लिए अप्लाई करने की अंतिम तारीख 6 अप्रैल, 2022 रखी गई थी। लेकिन हैरानी की बात है कि विभाग ने 29 मार्च को ही 10 उम्मीदवारों को अप्वाइंटमेंट लेटर जारी कर दिए। जब विभाग के सारे खेल का खुलासा हुआ तो आनन-फानन में लीपापोती के लिए अप्वाइंटमेंट लेटर वापस लिए गए। इस भर्ती की योग्यता को लेकर भी अभ्यार्थियों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि महज 21 दिन के ऑनलाइन कोर्स को योग कोच पद के लिए मान्यता दे दी गई। जबकि योग कोच के खाली पड़े 66 पदों के लिए एनआईएस कोच, योग स्नातक या इसके समानांतर योग्यता ही मान्य होनी चाहिए। सांसद दीपेंद्र ने मांग की है कि अन्य योग कोर्स करने वाले व योग्यता धारकों को नियुक्ति देने के लिए सरकार को फौरन योग सहायक, योग वेलनेस इंस्ट्रक्टर और योग थेरेपिस्ट की भर्ती निकालनी चाहिए। सरकार द्वारा बार-बार 1000 पदों पर भर्तियां करने की बात कही गई, लेकिन आज भी युवा इसका इंतजार कर रहे हैं। उनकी मांग है कि घोषणा के मुताबिक सरकार योग दिवस से पहले यह 1000 भर्तियां करे। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार की युवा और रोजगार विरोधी नीतियों के चलते हरियाणा पिछले कई साल से बेरोजगारी में टॉप पर है। आज भी प्रदेश का युवा देश में सबसे ज्यादा 24.6% बेरोजगारी दर झेल रहा है। इसका मतलब यह है कि हरियाणा का हर चौथा व्यक्ति बेरोजगार है। जबकि प्रदेश के अलग-अलग विभागों में करीब 4 लाख पद खाली पड़े हुए हैं। सरकार उनपर पक्की भर्ती करने की बजाए कम वेतन में कच्ची भर्तियां कर रही है। कौशल निगम के नाम पर युवाओं के साथ शोषण और भ्रष्टाचार हो रहा है। एक तरफ सीटेट, एचटेट और नेट क्वालिफाइड युवाओं से बीपीएल, पानी और स्वच्छता के सर्वे करवाए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ, अपने चहेते लोगों को महज 3 हफ्ते का ऑनलाइन कोर्स करवाकर सीधा योग कोच बनाया जा रहा है। राज्यसभा सांसद ने कहा है कि वो योग कोच अभ्यार्थियों समेत तमाम उन युवाओं के साथ खड़ें हैं जो बेरोजगारी और भर्ती अनियमितताओं का शिकार हैं। उनकी आवाज को सड़क से लेकर संसद तक उठाया जाएगा। Post navigation खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 वालीवॉल में हरियाणा के छोरों व छोरियों का रहा दबदबा डिपो महाप्रबंधक की तानाशाही, पुरे प्रचण्ड पर : डिपो कमेटी