राव विरोधियों ने इस बार घेराबंदी करके बदला लेने का रच दिया चक्रव्यूह

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल: नारनौल नगर परिषद की चेयरपर्सन की टिकट केंद्रीय मंत्री राजा राव इंद्रजीत सिंह के लिए गले की फांस बन गई है और नारनौल की यह सीट निकायों में सबसे हॉट हो गई है। राव इंद्रजीत सिंह इस सीट के लिए केवल और केवल अपने समर्थक बाबूलाल यादव पटीकरा की पत्नी संगीता यादव के लिए अड गए है। यही कारण है कि गत दिवस एक जून को पंचकूला में आयोजित भाजपा इलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद पार्टी को उम्मदवारों की घोषणा रोकनी पडी। राव द्वारा 2014 व 2019 में अपने मनचाहे उम्मीदवारों को विधायक की टिकट से लेकर अपने चेहते विधायकों को मंत्री बनवाने तक अडकर बैठना पार्टी हाईकमान को तो अखरता ही रहा है साथ ही टिकट और मंत्री पद से वंचित रहने वाले नेता भी अंदर खाते आहत ही है।

इस बार नारनौल नगर परिषद की चेयरपर्सन की सीट पर राव इंद्रजीत सिंह द्वारा अपने समर्थक बाबूलाल यादव की पत्नी की ठोस पैरवी की सूचनाएं ना केवल पार्टी हाईकमान बल्कि उनसे आहत सभी भाजपा विधायक एवं नेताओं के पास पहले ही पहुंच चुकी थी। जिसके चलते सभी ने जातपात भूलकर ऐसा चक्रव्यूह रच दिया, जिसमें इस बार राजा जी फंसते नजर आ रहे हैं। अब हालात यह बन गए हैं कि नारनौल नगर परिषद की सीट राव इंद्रजीत सिंह के लिए गले की फांस बन गई। शहर में चर्चा यह भी थी कि राव इंद्रजीत सिंह के अलावा यादव समुदाय के भाजपा नेता व कुछ अन्य विधायक बाबूलाल यादव पटीकरा की आसानी से सिफारिश कर देंगे लेकिन इस बात को गुमान शायद ही राजा जी को रहा होगा कि इस बार बाजी उलटी भी पड सकती है।

राजा जी के विरोधियों ने ऐसा चक्रव्यूह रच डाला कि नारनौल नगर परिषद की टिकट के लिए पर्यवेक्षक की बैठक से लेकर इलेक्शन कमेटी की पंचकूला बैठक तक में निवर्तमान चेयरपर्सन भारती सैनी का दावा सबसे मजबूत रहा। हालांकि नारनौल से जेजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों ही सैनी समुदाय से अपना अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है इसके बावजूद भारती सैनी का दावा मजबूत रहा। हालांकि भारती सैनी को टिकट दिलाने की पैरवी करने वाले तमाम भाजपा नेता इस बात से भी वाकिफ है कि इस सीट पर दो सैनी प्रत्याशी आ जाने के बाद भाजपा से भी सैनी प्रत्याशी को टिकट देना बेहद जोखिम भरा रहेगा। राजा जी के विरोधी धडे ने इस जोखिम का अनदेखा करके अपना एकसूत्री कार्यक्रम जारी रखा कि कैसे भी इस बार राजा जी को पटखनी देकर अपना-अपना हिसाब चूकता कर लिया जाए।

सूत्रों के अनुसार इलेक्शन कमेटी की बैठक में एक भाजपा नेता ने तो 2009 से लेकर 2019 तक के चुनावों में भानाराम सैनी व उनकी पुत्रवधू कमलेश सैनी द्वारा लिये गए वोटों का आंकडा तक प्रस्तुत कर दिया और दलील दी कि वर्तमान में जो गांव नगर परिषद में जोड़े गए हैं उन गांवों व शहर के वोट मिलाकर पिछले तीनों विधानसभा चुनावों में सैनी समाज के उम्मीदवार को सबसे अधिक मिले है। इसलिए इस सीट के लिए सैनी समाज की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। सूत्रों के इलेक्शन कमेटी की बैठक में भारती सैनी को सर्वे में सबसे आगे होने की दलील भी दी गई लेकिन राव इंद्रजीत सिंह बाबूलाल यादव की पत्नी के नाम पर अड गए और उनकी तरफ से एक ही नाम रहा। जिसके चलते इसका फैसला पेंडिंग रख दिया गया।

आज सुबह के ताजा सूत्रो के अनुसार अब राव इंद्रजीत सिंह नारनौल सीट को लेकर और अधिक गंभीर हो गए हैं। चर्चा यह भी है कि उनके सिपहसलारों ने उनके पास कल रात तक यह सारी सूचना पहुंचा दी कि किस प्रकार से 31 मई को नारनौल की बैठक में पैनल तैयार करके इलेक्शन कमेटी में उनके समर्थक की टिकट कटवाने के लिए घेराबंदी की गई थी। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा में जिस प्रकार नरबीर सिंह की टिकट कटवाने और राव अभय सिंह को मंत्री बनने से रोकने के लिए नाक सवाल बना लिया था वहीं नजारा नगर परिषद की इस सीट के लिए देखने को मिल सकता है।

error: Content is protected !!