–आत्महत्या जैसा कठोर कदम न उठाए युवा, समय बदलेगा और सरकार भी बदलेगी, भर्तियां खुलेंगी – दीपेंद्र हुड्डा
–पुलिस के बगैर कानून-व्यवस्था और फ़ौज के बगैर देश की सुरक्षा कैसे होगी- दीपेंद्र हुड्डा
–फ़ौज हो या पुलिस दोनों जगह पद खाली पड़े हैं, भाजपा की दोनों सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं- दीपेंद्र हुड्डा
–दीपेन्द्र हुड्डा ने DC ऑफिस के सामने चल रहे अनिश्चितकालीन धरने पर पहुँच विकलांग समाज को अपना पूर्ण समर्थन दिया
–1983 पीटीआई की नौकरी बहाली की मांग जायज, सरकार तुरंत नौकरी बहाल करे – दीपेंद्र हुड्डा
–भिवानी नगर परिषद् में व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ लोग धरने पर लेकिन सरकार चुप्पी साधे बैठी है- दीपेंद्र हुड्डा

भिवानी, 17 मई। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज भिवानी में आयोजित कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान दीपेन्द्र हुड्डा ने तालू गाँव में पवन के घर पहुँचकर श्रद्धांजलि दी और शोक प्रकट किया। सांसद दीपेन्द्र ने परिजनों को सांत्वना देने के बाद कहा कि भर्तियों को लटकाने व भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने का खामियाजा आज हरियाणा सबसे ज्यादा बेरोजगारी के रूप में भुगत रहा है। फ़ौज में भर्ती की तैयारी कर रहे तालू गाँव के होनहार युवा पवन ने 3 साल से फ़ौज की भर्ती बंद होने से पिछले दिनों मायूस होकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने कहा कि भर्ती बंद होने से दो बार मैराथन का गोल्ड जीतने वाले काबिल युवा पवन का फ़ौज में भर्ती होकर देशसेवा करने का सपना पूरा न हो सका। उसने लिखा कि “इस बार सेना में भर्ती नहीं हुआ, लेकिन पिताजी अगले जन्म में भारतीय सेना में जरूर भर्ती होऊंगा।” लेकिन इस संवेदनहीन सरकार के उप-मुख्यमंत्री ने बेदर्दी और बेशर्मी से पवन की मौत का भी मजाक उड़ाया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बेरोजगार युवाओं से अपील करी कि आत्महत्या जैसा कठोर कदम न उठाएं। समय सदा एक सा नहीं रहता। वक्त बदलते वक्त नहीं लगता। समय बदलेगा और सरकार भी बदलेगी, भर्तियां खुलेंगी।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पवन की मौत के ज़िम्मेदार वो लोग हैं जिन्होंने वर्षों से फौज की भर्ती नही निकाली, वो सरकार है जो भर्तियों को लटकाने व टरकाने का काम कर रही है, वो सरकार है जिसने हरियाणा को देश में बेरोज़गारी में नम्बर 1 बना दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि फ़ौज हो या पुलिस, सरकारी पद खाली पड़े हैं, बेरोज़गारी बढ़ती जा रही है। पुलिस कानून-व्यवस्था को संभालती है और फौज देश की सुरक्षा संभालती है। दोनो में ही बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं। हरियाणा के गाँव-गाँव में युवा फौज में भर्ती के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे। लेकिन ऐसा पहली बार है कि 3 साल से भर्ती ही नहीं हुई। वहीँ दूसरी ओर, खराब क़ानून-व्यवस्था में नंबर-1 बने हरियाणा के पुलिस विभाग में करीब 25 हजार पद खाली हैं और प्रदेश के करीब 50 हजार युवा पुलिस भर्ती रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि पुलिस के बगैर कानून-व्यवस्था और फ़ौज के बगैर देश की सुरक्षा कैसे होगी? केंद्र और प्रदेश दोनों ही जगह भाजपा की सरकार है और दोनो सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं। सरकार का निठल्लापन युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर रहा है। कानून-व्यवस्था और देश की सुरक्षा के लिये सरकार का असंवेदनशील रवैया समझ से परे है। उन्होंने मांग करी कि सरकार युवाओं को 3-4 सालों की भरपाई के लिए आयु में छूट देकर जल्द से जल्द भर्ती निकाले, नहीं तो बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा भिवानी लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय के सामने आल हरियाणा दिव्यांग अधिकार संघर्ष समिति के बैनर तले विकलांग समाज हरियाणा के 47 दिनों से चल रहे अनिश्चितकालीन धरने पर पहुंचे और अपना पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार तुरन्त आंदोलनरत लोगों की 18 सूत्री मांगों पर सकारात्मक ढंग से विचार करे और दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 को पूर्णरुप से लागू करे। दीपेन्द्र हुड्डा ने 1983 पीटीआई की नौकरी बहाली की मांग को लेकर चल रहे धरने पर भी पहुँचकर अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि नौकरी बहाली की मांग जायज है, जिस तरह पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार ने गेस्ट टीचर्स, MITC और JBT टीचर्स को नौकरी दी उसी तरह 1983 PTI शिक्षकों की नौकरी बहाल करने के लिये सरकार अपनी विधायी शक्तियों का इस्तेमाल करे। उन्होंने कहा कि भिवानी नगर परिषद् में चेक, फर्जी रसीद, प्रॉपर्टी घोटाले और कचरा छंटाई में व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ भिवानी के नागरिक पिछले काफी दिनों से धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं भी नहीं रेंग रही और वो ईमानदारी का ढिंढोरा पीट रही है।

उन्होंने बताया कि बीते 28 मार्च को संसद में उनके सवाल के जवाब में सरकार ने खुद माना कि तीनों सेनाओं में करीब 1 लाख 40 हजार पद खाली पड़े हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने ये भी कहा कि पिछले 5 साल से भर्तियों की संख्या में गिरावट आई है और 3 साल से भर्तियां लगभग खत्म कर दी गई हैं। देश-प्रदेश के युवा तो ये उम्मीद करते हैं कि नये पदों का सृजन होगा और उन्हें रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि नये पदों का सृजन करना तो दूर की बात ये सरकार खाली पदों को ही नहीं भर पा रही है। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश जिस तरह की गतिविधियां कर रहे हैं उसको देखते हुए फौज में एक भी पद खाली नहीं रहना चाहिए, बल्कि फौज को और अधिक मजबूती प्रदान करने की जरुरत है।

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