राव इंद्रजीत और एमएलए राकेश दौलताबाद ने किया था उद्घाटन.
गांव खैंटावास में 2 जनवरी 2022 को उद्घाटित योजना बनी जजाल.
पार्क विरान हो गया, तार फैंसिंग टूटी, जोहड में फैंका जा रहा कुड़ा

फतह सिंह उजाला    

पटौदी। सरकार भले ही जोहडो के सौंदर्यकरण पर लाखों खर्च करके योजना का लाभ ग्रामीणों सहित आम लोगों को देने का कार्य कर रही हो, लेकिन सम्बंधित अधिकारी और एनजीओ की उपेक्षा के चलते जोहड़ सौंदर्यकरण योजना को ग्रहण भी लग चुका है। यकीन नही हो रहा हो तो जोहड़ सौंदर्यकरण योजना को ग्रहण को फर्रूखनगर क्षेेत्र के गाव खैटावास में अपनी आंखों से देखा भी जा सकता है। जोहड़ सौंदर्यकरण योजना अब ग्रामीणों  के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है । ऐसा ही मामला गांव खैटावास में सामने आया है ग्रामीणों ने जोहड़ के बदबूदार ओवर फ्लो पानी की रोकथाम व पार्क की जर्जर हालत ठीक करने की मांग सम्बधित विभागीय अधिकारियों को दी है ।

सीएम ग्रीवेंस कमेटी के सदस्य देशराज यादव, पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन राव सरजीत सिहं, सूरज भान, श्री भगवान यादव आदि ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला में मिशन अमृत सरोवर के   तहत गांवों के ऐतिहासिक औैर प्राचीन विरासत के प्रतीक जोहड़ों को जल संरक्षण के लक्ष्यों की पूर्ति के साथ साथ ग्रामीणों के मनोरंजन स्थल के रूप में भी विकसित करने की विशेष मुहिम चला रही हो।    

 लेकिन योजना के तहत गांव खैंटावास में 2 जनवरी 2022 को  केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिहं द्वारा कृषि उद्योग निगम हरियाणा के चेयरमैन राकेश दौलताबाद की अध्यक्षता में और तत्कालीन  जिला  डीसी अमित खत्री  व एडीसी  प्रशांत पंवार की मौजूदगी में गांव के जोहड़ का सौंद्रीयकरण के कार्य का उदघाटन  किया गया था ।

उदघाटन के बाद से ही सम्बधित विभाग और एनजीओ से जुड़े समाज सेवियों ने वापिस मुडकर गांव खेंटावास सहित जोहड़ को नही देखा । गांव में गंदे पानी की निकासी , जलगुरू योजना के द्वारा गांव का गंदा पानी दो टैंको में फिल्टर करके , साफ पानी जोहड़ में डाला गया था । ग्रामींणों के आरोपानुसार लेकिन कुछ दिन बाद ही तमाम गंदा पानी सीधा जोहड में जा रहा है। जोहड़ में जमा गंदा पानी ओवर फ्लों होकर गांव की गलियो जमा होने लगा है। जोहड में सीधा गंदा पानी जाने से काई जम गई है। गंदे पानी के कारण उफनते पारे में बदबू मारने लगी है। स्थानीय ग्रामींण औैर आसपास लोग परेशान है। महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है । सम्बंधित विभाग व एनजीओ की लापरवाही के कारण बनाया गया पार्क विरान हो गया है । तार फैंसिंग टूट गई है, जोहड में कुडा डाला जा रहा है । पार्क में भी कुडे के ढेर लग गए है । लगाए गए पेड़ पौधे भी देखरेख के अभाव में सुख गए है। शासन-प्रशाासन को इस गंभीर होती जा रही समस्या के समाधान के लिए मानसून आरंभ हाने से पहले ही कार्यवाही करनी चाहिये।

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