-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने राज्य सतर्कता विभाग को दी थी नियमों को ताक पर रखकर नक्शा मंजूरी की शिकायत -राज्य सतर्कता विभाग के महानिदेशक ने मुख्य सचिव को भेजी सिफारिश भिवानी, 05 जून। नगर परिषद घोटालों में एक के बाद एक नए तथ्य सामने आ रहे हैं। इसी बीच अब भिवानी के नगर आयुक्त राहुल नरवाल पर लगे आरोपों की जांच मुख्य सचिव द्वारा कराई जाएगी, क्योंकि राज्य सतर्कता विभाग के महानिदेशक ने स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार की शिकायत पर मुख्य सचिव को जांच कराए जाने की सिफारिश भेजी है। दरअसल भिवानी नगर परिषद के नगर आयुक्त राहुल नरवाल ने एक निजी अस्पताल के नक्शे को नियमों को ताक पर रखकर मंजूरी देने की कोशिश की थी। जिसके खिलाफ स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इसके बाद हाई कोर्ट ने नियमों को ताक पर रखकर नक्शे को दी गई मंजूरी की दोबारा जांच कराकर तीन माह में रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे। इसी के बाद जब जमीन की पेमाइश राजस्व विभाग ने कराई तो शामलात भूमि की जगह पर अवैध कब्जा साबित हो गया था। इसी मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने नगर परिषद भिवानी के नगर आयुक्त राहुल नरवाल की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाते हुए मामले की शिकायत राज्य सतर्कता विभाग को दी थी। राज्य सतर्कता विभाग के महानिदेशक ने अब इस मामले में नगर आयुक्त पर लगे गंभीर आरोपों की जांच कराए जाने के लिए हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को सिफारिश की है। गौरतलब होगा कि स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने अपनी शिकायत में भिवानी नगर परिषद के नगर आयुक्त राहुल नरवाल पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए थे। उनका यह भी आरोप है कि जब निजी अस्पताल के नक्शे को नियमों के खिलाफ जाकर मंजूरी देने की कोशिश की जा रही थी, तब भी शिकायतकर्ता ने जांच में शामिल होने की अपील की थी, मगर नगर आयुक्त ने बिना शिकायतकर्ता को जांच में शामिल किए ही नक्शे को मंजूरी देने की सिफारिश कर डाली थी। Post navigation जोधपुर दंगा विशेष……सांप्रदायिकता एक राजनीतिक हथियार बनी हुई है ! ‘माँ ही पहली शिक्षिका, पहला स्कूल”