थाने में ही आरोपी बिल्डर था मौजूद तब हिरासत में नहीं लिया गया.आरोपी को बचाव के लिए पुलिस द्वारा दिया जा रहा है पूरा समय.पत्रकारो, अधिवक्ताओं, सामाजिक, व राजनैतिक संगठनों में भी रोष.आरोपी की गिरफतारी को लेकर पुलिस अधीक्षक से करेंगे मुलाकात.पत्रकार को न्याय नहीं मिला तो बैठेंगे अनिश्चितकालीन धरने पर रेवाड़ी । बीते संडे को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 स्थित प्लेटिनम विला सोसायटी में जरनेटर विवाद को लेकर तथाकथित बिल्डर रवि द्वारा सोसायटी के प्रधान व पत्रकार बी.डी. अग्रवाल पर किए हमले के बाद काफी मशक्कत उपरांत पुलिस द्वारा मामला तो दर्ज तो कर लिया गया। परंतु अभी तक आरोपी बिल्डर रवि को गिरफ्तार नहीं कर सकी है, या फिर उसकी गिरफ्तारी से बच रही है ? अभी तक पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार न कर पाना पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल बनने लगे है। कथित रूप से पुलिस की मौजूदगी में बिल्डर का थाने में ही मजे से सिगरेट के कश लगाना, थाने में पुलिस अधिकारी द्वारा बिल्डर/आरोपी को अपने बराबर वाली कुर्सी पर बैठाकर कार्यवाही करना। पुलिस की कार्यशैली की हठधर्मिता तो वहां हो गई जब पीड़ित पत्रकार के पुत्र एडवोकेट नितेश अग्रवाल जो कि भाजपा में जिला मीडिया प्रभारी के पद पर आसीन है को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए स्वयं जिला अध्यक्ष हुकमचंद यादव को थाने में आना पड़ा। आरोपी बिल्डर को थाने में मौजूद रहते हिरासत में न लेना व अब बिल्डर का कहीं भी पता न चल पाने का बहाना बनाना , जैसी अनेक बरते-कार्यप्रणाली पुलिस की कार्यशैली पर सवालियां निशान उठा रही है ? सूत्रों के अनुसार इसे राजनैतिक प्रैशर भी बताया जा रहा है। क्योंकि बिल्डर कांग्रेस के एक पूर्व विधानसभा स्पीकर का रिश्तेदार बताया जा रहा है जिस वजह से पुलिस सिर्फ दिखावे के लिए मामला दर्ज करके अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रही है। समाचार लिखे जाने तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। वहीं पुलिस की कार्यशैली से पत्रकारों, अधिवक्ताओं, सामाजिक, धार्मिक व राजनैतिक संगठनों में भी रोष व्याप्त हो गया है। इनका कहना है कि पत्रकार समाज का आईना होते है जो अपनी जान की बाजी लगाकर जनता तक सच्चाई को पहुंचाते है। रेवाड़ी के प्रबुद्ध लोगों, संगठन-संस्थाओं के पदाधिकारियों सहित पत्रकारों का कहना है कि इस मामले में सूबे के सीएम खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज को संज्ञान ले लेना चाहिये। दो दिन पहले ही गृहमंत्री अनिल विज ने दर्ज एफफाईआर पर 10 दिन में सबंधित थाना प्रभारी की जवाबदेही तय की है, इसके बाद डीसीपी-एसीपी और एसपी-कमिश्नर से जवाब तलबी की बात कही है तो पुलिस प्रशासन तथा बिल्डर के बीच आंख मिचौली का खेल कब तक चलाया जाता रहेगा। जब एक पत्रकार के साथ इस प्रकार धमकी सहित रिवाल्वर तानने की हिम्मत हो सकती है और आरोपी पुलिस को छकाता रहे , तो आम आदमी को न्याय कहां से मिल पाएगा ? गौरततलब है कि पीड़ित पत्रकार का पुत्र भी रेवाड़ी जिले में बतौर अधिवक्ता कार्यरत है , लेकिन उन्हें भी न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है। पुलिस की कार्यशैली से नाराज सभी लोग बुधवार को पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी करेंगे और यदि फिर भी आरोपी बिल्डर की गिरफ्तारी नहीं होती है तो अनिश्चितकालीन धरना भी दिया जाएगा। वहीं सिविल अस्तपाल में उपचाराधीन पत्रकार को पत्रकारो, अधिवक्ताओं, सामाजिक, धार्मिक व राजनैतिक संगठनों के अनेक लोगों ने वहां पहुंच कर व फोन के माध्यम से उनका कुशलक्षेम पूछा व अपना समर्थन दिया है। Post navigation 33 दिन से घर पर बैठी बेटियों ने पकड़ी जिद ! दाखिला लेकर ही मानेगी……… सत्याग्रह का दूसरा दिन अध्यक्ष उदयभान के सामने सबसे बडी चुनौती, शीघ्र ही पार्टी संगठन का गठन करने की : विद्रोही