अब जो भी दोषी हैं जिन्होंने पैसे देकर पेपर पास करवाये उनके नाम, रोल नंबर सार्वजनिक हों. उन्हें आजीवन एग्जाम देने से बैन किया जाये

-सत्यवान ‘सौरभ’

हरियाणा की सबसे  बड़ी परीक्षा हरियाणा सिविल सर्विस का प्री एग्जाम नागर प्रकरण के बाद आखिर रद्दकर दिया गया है. सरकार का फैसला स्वागत योग्य है. इससे मेहनती युवाओं में एक नयी आस जागेगी. लेकिन अब जो भी दोषी हैं जिन्होंने पैसे देकर पेपर  पास करवाये उनके नाम, रोल नंबर सार्वजनिक हों. उन्हें आजीवन एग्जाम देने से बैन किया जाये. उनकी सज़ा निर्धारित हो ताकि युवाओं के पैसे और समय का दुरूपयोग न हो.

हरियाणा में सरकारी भर्तियों में सक्रिय दलालाें की अब खैर नहीं होनी चाहिए। विजिलेंस और सीआइडी को  भर्तियों में गोलमाल करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ दलालों पर कड़ा शिकंजा कसना चाहिए  हरियाणा लोक सेवा आयोग के उप सचिव रहे एचसीएस अधिकारी अनिल नागर से विजिलेंट की टीम ने एचसीएस का प्री-एग्जाम पास करने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट बरामद थी। इस लिस्ट में 24 उम्मीदवारों के नाम बताए गए थे। चर्चा थी कि इस लिस्ट में शामिल कुछ उम्मीदवारों के साथ अनिल नागर और उसके सहयोगियों की डील हो चुकी थी और कुछ से अभी करनी बाकी थी।

एक अधिकारी का पैसे लेकर लोगों को नौकरी देना और पकड़े जाना… सरकार के बिना पर्ची और खर्ची के नौकरी देनेके वादे पर प्रश्न चिन्ह था इस से पता चलता है ग्रुप A से लेकर ग्रुप D तक हर भर्ती के रेट तय होते है. ऐसे कामों से इन परीक्षाओं  के ऊपर विश्वास नहीं रहता. सरकार को इन सारे पेपर को कैंसिल करना चाहिए और इस सारे मामले की इन्वेस्टीगेशन कर के दोषियों और उन के आकाओं को कडी सजा देनी चाहिए.

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