· माना कि भाजपा सरकार ने 8 साल में एक यूनिट भी बिजली पैदा नहीं की लेकिन हुड्डा सरकार के समय जो बिजली कारखाने लगे थे उनकी बिजली कहां चली गयी – दीपेन्द्र हुड्डा
· हरियाणा के हक की बिजली रोकने वाले अडानी पॉवर के प्रति इतनी नरमी क्यों बरत रही है सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा
· प्रति व्यक्ति आय, निवेश, रोजगार में नंबर 1 हरियाणा आज महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और बिजली कट में भी नंबर 1 हो गया – दीपेन्द्र हुड्डा
· सरकार बताए झाड़ली, खेदड़, पानीपत में बिजली उत्पादन की तीन यूनिटें क्यों बंद हैं, 2015 में झाड़ली एनटीपीसी से हरियाणा का हिस्सा सेंट्रल पूल में क्यों सरेंडर किया – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 30 अप्रैल। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा में बिजली संकट के लिए पूरी तरह मौजूदा गठबंधन सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बिजली संकट के कारण हरियाणा में हाहाकार मचा है, सरकार तुरंत समाधान करे और जनता को राहत दे। उन्होंने कहा कि माना कि भाजपा सरकार ने 8 साल में एक यूनिट भी बिजली पैदा नहीं की लेकिन हुड्डा सरकार के समय जो 5 बिजली कारखाने लगे थे उनकी बिजली कहां चली गयी? इतना ही नहीं हुड्डा सरकार के समय 4 थर्मल प्लांट- झाड़ली, खानपुर, खेदड़, यमुनानगर और एक परमाणु कारखाना फतेहाबाद में लगाकर उत्पादन क्षमता को 4033 मेगावाट से 12175 मेगावाट तक पहुंचाया गया और हरियाणा को पावर सरप्लस राज्य बनाया। लेकिन क्या कारण है कि सरकार उन बिजली कारखानों को चला नहीं पा रही है?
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बिजली समस्या के दीर्घकालीन समाधान के लिये हुड्डा सरकार ने बिजली उत्पादक कंपनी अडानी पॉवर के साथ देश में सबसे सस्ती दरों पर 25 साल के लिये बिजली लेने का समझौता किया। ये बात समझ से परे है कि अडानी पॉवर से सस्ती बिजली लेने का जो समझौता हुआ था वो भी सरकार क्यों नहीं ले पा रही है। हरियाणा के हक की बिजली रोकने वाले अडानी पॉवर के प्रति आखिर इतनी नरमी क्यों बरत रही है सरकार?
उन्होंने आगे कहा कि आज देश भर में बिजली संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित अगर कोई प्रदेश है तो वो हरियाणा प्रदेश है। उन्होंने सरकार से तीखे सवाल करते हुए कहा कि झाड़ली, खेदड़, पानीपत में बिजली उत्पादन की तीन यूनिटें क्यों बंद पड़ी हैं? 2015 में झाड़ली एनटीपीसी से हरियाणा का हिस्सा सेंट्रल पूल में क्यों सरेंडर किया गया? बीबीएमबी से हरियाणा का हिस्सा लेने में असफल रही सरकार?
दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार पर बरसते हुए कहा कि कल फरीदाबाद में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम में बिजली किल्लत जहां प्रमुख मुद्दा होगा वहीं महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और फरीदाबाद नगर निगम में घोटालों से त्रस्त जनता की आवाज़ उठायेंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे। हरियाणा में बिजली संकट के लिये पूरी तरह जिम्मेदार सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए। सरकार इधर-उधर की बात करके गुमराह न करे, हरियाणा की जनता को बिजली संकट से राहत देने का काम करे। जब तक प्रदेश की जनता को राहत नहीं मिलेगी जनता की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि 2005 से पहले हरियाणा में बिजली कट फुल, बिजली गुल रहती थी। 2004 और 2009 में बिजली बहुत बड़ा राजनीतिक मुद्दा होती थी, लेकिन हुड्डा सरकार ने प्रदेश में 5 बिजली कारखाने लगाकर उस मुद्दे को ही खत्म कर दिया था। लेकिन, आज फिर बिजली समस्या ज्वालामुखी की तरह फूट पड़ी है। हरियाणा 2014 में बिजली सरप्लस प्रदेश हो गया था और ये बात खुद मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने गुजरात में उद्योगपतियों को न्योता देते वक़्त कही थी कि हरियाणा में सरप्लस बिजली है वो यहाँ उद्योग लगाएं और इसका दूसरा सबूत ये है कि खट्टर सरकार ने झाड़ली एनटीपीसी प्लांट की बिजली को ये कहकर सरेंडर कर दिया था कि इसकी जरूरत नहीं है, क्योंकि राज्य में सरप्लस बिजली है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि 8 साल में कोई नया बिजली कारखाना लगाना तो दूर हुड्डा सरकार के समय लगे 4 थर्मल और 1 परमाणु बिजली कारखाने में एक कोई नयी यूनिट भी लगाई हो तो भाजपा सरकार बताए।
उन्होंने कहा कि मौजूदा ने हरियाणा को विकास की पटरी से उतार दिया। जो हरियाणा 2014 से पहले प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार में नंबर 1 पर था, आज वो प्रदेश महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और बिजली कट में नंबर 1 पर पहुंच गया।