उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से मिलेगी बिजली सप्लाई चण्डीगढ, 25 अप्रैल – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों को निर्बाध रूप से बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए बिजली निगम की ओर से स्थाई उपाय किए जा रहे हैं । प्रदेश में लगने वाले बिजली कट की समस्या का जल्द ही समाधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां बिजली निगम के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में बिजली मंत्री श्री रणजीत सिंह भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी के मौसम में बिजली की खपत बढ जाती है। इसके लिए बिजली निगम महंगी दर पर बिजली खरीद कर उपभोक्ताओं को मुहैया करवा रहा है। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में बिजली की बढती खपत को पूरा करने के लिए खेदड़ के पावर प्लांट में आने वाली समस्या का भी समाधान किया जा रहा है। खेदड पावर प्लांट को शीघ्र ही चालू किया जाएगा। 3000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की जरूरत मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून आने के बाद बिजली खपत में कुछ कमी आएगी तब तक 3000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आवश्यकता होगी। इसके लिए सरकार द्वारा आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं । लगभग 400 मेगावाट बिजली कम अवधि प्रक्रिया से शीघ्र ही मिलने वाली है। इसके साथ ही लम्बी अवधि प्रक्रिया भी की जा रही है। इससे भी 500-500 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसके अलावा हाईडल पावर प्लांट से बिजली लेने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। इस प्रकार बिजली कट समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा। यमुनानगर में लगेगा नया पावर प्लांट मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की समस्या का स्थाई समाधान करने के लिए यमुनानगर में 750 मेगावाट का नया पावर प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है। यह पावर प्लांट लग जाने के बाद 750 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा बिजली उत्पादन के साथ साथ सम्प्रेषण प्रणाली को भी दुरूस्त किया जा रहा है ताकि प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं रहे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी के दास, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, एमडी बिजली वितरण निगम डा. साकेत कुमार, चीफ इंजिनियर बिजली पावर परचेज रणदीप सिंह सहित कई बिजली निगम के अधिकारी मौजूद रहे। Post navigation 4 से 13 जून तक आयोजित होंगे खेलो इंडिया यूथ गेम 2021- मनोहर लाल सहकारिता विभाग की भूमि की पहचान करें ताकि उस भूमि का सदुपयोग किया जा सके : डॉ. बनवारी लाल