आप ही नहीं अपितु हरियाणा के सभी राजनैतिक दल हैं आत्ममुग्ध भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। वर्तमान परिस्थितियों में यदि हरियाणा की राजनीति पर नजर डालें तो सत्ता और विपक्ष सभी आत्ममुग्ध नजर आते हैं, इसलिए जनता की किसी को चिंता नहीं है।भाजपा सत्ता में है और उसके साथ जजपा है। दोनों प्रचार तंत्र के माध्यम से अपनी प्रशंसा करते रहते हैं। कभी शायद यह जानने का प्रयास नहीं किया कि जनता उनकी बात पर विश्वास करती भी है या ब्याह के गीत समझकर, सुनकर कान से निकाल देती है। इसी प्रकार प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की बात करें तो उनका सोचना है कि जनता वर्तमान शासन से त्रस्त है। अत: आगामी चुनाव में जनता के पास उनको वोट देने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प होगा नहीं। अत: इसीलिए जनता की चिंता छोड़ आने वाले समय में मुख्यमंत्री कौन बने इस बात के लिए लड़ते रहते हैं। इनेलो की बात करें तो विशेष अंतर उसमें भी नहीं है। हालांकि वर्तमान में उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय है लेकिन फिर भी दावा करते हैं कि आगामी सरकार हमारी बनेगी। अब इनके बारे में कह नहीं सकते कि ये आत्ममुग्ध हैं या राजनैतिक मजबूरी में कह रहे हैं। अब आप पार्टी की बात करते हैं। आठ साल से वह हरियाणा में है लेकिन अपना कोई प्रभाव दिखाने में नाकाम रही है। वर्तमान में पंजाब सरकार बनने से एकदम दिल में अत्याधिक विश्वास दिखाई देने लगा। बात ऐसी ही लगती है जैसे गुब्बारे में हवा भर दी जाए तो वह एकदम फूल जाता है। कुछ ऐसा ही आप पार्टी के साथ दिखाई दे रहा है। आप पार्टी में बेशक कुछ लोग सम्मिलित हो रहे हैं लेकिन वे वह लोग हैं, जिन्हें अपनी-अपनी पार्टियों में मान-सम्मान नहीं मिल रहा है। और यही वह पार्टी में शामिल होते हुए कहते हैं और आप पार्टी का भी यही कहना है लेकिन प्रश्न यह है कि जिस व्यक्ति के पीछे जनाधार है, उस व्यक्ति को कोई भी राजनैतिक दल अनदेखा करता नहीं। आम भाषा में कह सकते हैं कि बुझा हुआ बारूद लेकर रॉकेट से चंद्रमा पर पहुंचने की सोच रहे हैं। मात्र 40 दिन हुए हैं पंजाब का परिणाम आए और इतने समय में ही भाजपा और कांग्रेस से अधिक गुट आप में दिखाई देने लगे हैं। प्रदेश कार्यकारिणी भंग कर रखी है, कहने को जिला कार्यकारिणी है लेकिन उनका कोई कार्य नहीं। किसी व्यक्ति को आप पार्टी में शामिल होना होता है तो वह स्वयं प्रभारी सुशील गुप्ता से मिलता है। उन्हें बुलाता है, अपने नाम से अलग कार्यक्रम करता है और शामिल हो जाता है। इसी प्रकार से ये सब अलग उच्च महत्वकांक्षी लोग एकत्र हो रहे हैं। नवीन जयहिंद जिसने काफी समय नेतृत्व किया, अशोक तंवर जिसे बड़े सम्मान से लेकर आए, उनकी अभी पार्टी में कोई जगह दिखाई नहीं दे रही। तात्पर्य यह कि 40 दिन में शायद हवा निकलनी आरंभ हो गई है। बाकी समय बताएगा। Post navigation श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व उत्सव में सभी धर्मों, समुदायों के लोग पानीपत पहुंचे-सरदार गुरविंद्र सिंह दमकल विभाग के अग्निशन सेवा सुरक्षा सप्ताह का हुआ जोरदार समापन