एफडीए की टीमों ने पंचकूला में बिना लाइसेंस के चलाई जा रही विभिन्न फार्मेसी की दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की- स्वास्थ्य मंत्री

सैंपल भर कार्यवाही करने में सफलता हासिल-अनिल विज.
पंचकूला शहर में रिहायशी सेक्टरों में चल रहे नर्सिंग होम/ क्लीनिको में बिना लाइसेंस के चल रही दुकानों के खिलाफ एफडीए ने चलाया अभियान-विज

चंडीगढ़, 15 अप्रैल – हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज, जिनके पास खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का प्रभार भी है, ने कहा कि खाद्य औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) की टीमों ने आज पंचकूला में बिना लाइसेंस के चलाई जा रही विभिन्न फार्मेसी की दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की और सैंपल भर कार्यवाही करने में सफलता हासिल की।

उन्होंने बताया कि आज पंचकूला शहर में रिहायशी सेक्टरों में चल रहे नर्सिंग होम/ क्लीनिको में बिना लाइसेंस के चल रही दुकानों के खिलाफ खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने अभियान चलाया। इस अभियान के लिए विभाग के आयुक्त ने चार टीमों का गठन किया, जिसमें खाद्य औषधि प्रशासन विभाग के मुख्यालय से डिप्टी ड्रग कंट्रोलर पदम सिंह राठी, सहायक ड्रग कंट्रोलर ललित गोयल, रिपन मेहता और परविंदर सिंह के अलावा एसडीपीओ अंबाला सुनील दहिया, एसडीपीओ कुरुक्षेत्र सारिका, अंबाला के डीसीओ रजनीश, कुरुक्षेत्र की डीसीओ विजय राजे और पंचकूला के डीसीओ प्रवीण कुमार शामिल थे।

उन्होंने बताया कि इन टीमों ने विभिन्न नर्सिंग होम में एक साथ छापे मारे जिसके तहत पंचकूला के सेक्टर -10 के प्लॉट नंबर 209 में दृष्टि आई हॉस्पिटल, पंचकूला के सेक्टर-10 में मकान नंबर 859 में स्कीना केयर, पंचकूला के सेक्टर – 12 में मकान नंबर 653 में चल रहे डॉक्टर त्रेहान न्यूरो साइकेट्री और डीएडिक्शन सेंटर तथा पीस माइंड क्लीनिक एससीओ-137, सेक्टर -14 पंचकूला शामिल है।

इनमें से स्किना केअर और दृष्टि आई हॉस्पिटल में खुली दुकानों में काउंटर से दवाइयां बेची जा रही थी। इन दोनों दुकानों के पास कोई लाइसेंस नहीं पाया गया। दृष्टि हॉस्पिटल में चलाई जा रही विजन फार्मेसी को लाइसेंस सामने सेक्टर -11 मार्केट में एससीओ-26 में दिया हुआ है परंतु वहां पर कोई दवाई रखी नहीं मिली। इसके स्थान पर दवाइयां बिना लाइसेंस के पहले स्थान पर दृष्टि आई हॉस्पिटल में रखी मिली जिन्हें विभाग ने अपने कब्जे में लेकर नमूने भरे हैं।

इसी प्रकार, स्कीना केयर को डॉ राजन गुप्ता चलाते हैं वहां मौजूद दवाइयों में से 12 तरह की दवाइयों के नमूने जांच हेतु भरे गए। दोनों जगह से टीमों ने सेल परचेज रिकॉर्ड खंगाले और जांच हेतु कब्जे में लिए। इसी तरह त्रेहन न्यूरो साइकेट्री की डिस्पेंसरी से 6 नमूने लिए गए। पीस माइंड क्लीनिक से पांच नमूने जांच हेतु भरे गए और यहां पर डॉक्टर अपने चेंबर में डिस्पेंसरिंग करता हुआ पाया गया और जबकि यह कमर्शियल साइट है।

गौरतलब है कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के रिहायशी इलाकों में नर्सिंग होम व क्लिनिको की अनापत्ति (एनओसी) जारी करते हुए एचएसवीपी यह शर्त लगाता है कि इन नर्सिंग होम या क्लीनिक में केमिस्ट शॉप नहीं खोली जा सकती। एचएसवीपी के नियमों के अनुसार यदि एनओसी की शर्तों की उल्लंघना की जाती है तो प्लॉट को रिज्यूम किया जा सकता है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन, हरियाणा अपनी रिपोर्ट एचएसवीपी के उच्चाधिकारियों को भी भेजेगा।

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने सेक्टर में अनापत्ति प्रमाण लेकर नर्सिंग होम/ क्लीनिक इत्यादि चलाने वाले डॉक्टर को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो अवैध दुकानें बंद कर दी जाए अन्यथा विभाग उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए बाध्य होगा और किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इसी प्रकार, स्वास्थ्य मंत्री ने खाद्य औषधि प्रशासन हरियाणा के राज्य ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा को प्रदेश में स्थित ऐसी दुकानों की सूची बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की जाए।

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