चण्डीगढ, 14अप्रैल:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा, वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान सुरेश लाठर, महासचिव संजय गुलाटी,उप-महा- सचिव विमल कुमार ग्योंग, कैशियर अशोक कुमार, आडिटर चन्द्रभान सोलंकी,चेयरमैन गुरदीप सिंह व कानूनी सलाहकार गगनदीप ढिल्लो ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि आज हरियाणा सरकार रोङवेज का सम्पूर्ण निजीकरण करने की पुरी साजिश रच रही है जो न तो विभाग हित में है तथा न ही कर्मचारी हित में।

लेकिन आज हरियाणा रोङवेज का सांझा मोर्चा बिल्कुल चुप्पी साधे हुए है। ऐसा क्यों? जवाब दे रोङवेज के स्वयंभू नेता। कर्मचारियों को बरगलाकर राष्ट्रव्यापी हङताल को कामयाब करवाने वाले नेता आज चूप क्यों है।

दोदवा ने बताया कि प्रदेश की मौजूदा सरकार लगभग 7 साल से लगातार पहले 867 बसें और अब 809 बसें रोङवेज के बेङे में शामिल करने की घोषणा कर रही है। लेकिन सिर्फ वोल्वो बसों को छोड़कर आज तक एक भी बस रोङवेज के बेङे में शामिल नहीं हुई है। लेकिन इसके विपरीत 12अप्रैल को परिवहन मन्त्री श्री मुलचन्द शर्मा जी ने ब्यान जारी करके घोषणा की है रोङवेज में 1000 बसें और किलोमीटर स्कीम पर शामिल की जायेगी। सरकार ने रोङवेज पर एक बङा हमला और करते हुए कौशल रोजगार निगम के तहत चालक-परिचालक व हैल्परों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे यह साबित होता है कि सरकार की भविष्य में रोङवेज में रैगुलर भर्ती करने की कोई योजना नहीं है।

विभाग व कर्मचारी हित में सरकार के गलत फैसलों का विरोध करते हुए तुरन्त राज्यव्यापी आन्दोलन करने की जरूरत है। लेकिन इसके बावजूद भी राष्ट्रव्यापी हङताल को कामयाब करने के लिए एङी चोटी का जोर लगाने वाले स्वयंभू संगठनों के नेता मुंह पर छिक्का लगाये बैठे हैं। ऐसा पहली बार नहीं बल्कि अपने आपको बङे संगठन बताने वाले नेताओं का यह चरित्र रहा है कि जब-जब विभाग व कर्मचारियों पर कोई हमला हुआ है तब-तब इन्होंने चुप्पी साधी है या आन्दोलन करने वाले रोङवेज संगठनों का विरोध किया है।

दोदवा ने बताया कि किलोमीटर स्कीम के विरोध में 5 सितम्बर 2018 को होने वाली राज्यव्यापी हङताल का रोङवेज के कुछ संगठनों द्वारा विरोध करने की बजाय अगर समर्थन किया होता तो किलोमीटर स्कीम का रद्द होना तय था तथा कर्मचारियों को आज ये दिन देखने को नहीं मिलते। उन्होंन बताया कि जब 8200 कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से रैगुलर करवाने का काम किया तब भी कुछ संगठनों ने इसका विरोध करते हुए फैंसले की प्रतियाँ जलाने व तरह-तरह के विध्न डालकर रैगुलर करने की प्रकिया को रूकवाने का काम किया था। यानि इन संगठनों के लिए राष्ट्रव्यापी हङताल को कामयाब करना सर्वोपरी है विभाग व कर्मचारी नहीं। हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन विश्वास दिलाती है कि सांझा मोर्चा परिवहन विभाग व कर्मचारी हित में कोई भी आन्दोलन करने का निर्णय लेता है उसका पूर्ण रुप से समर्थन करते हुए अग्रिम भूमिका में रहकर काम करेगी।

युनियन ने मांग की है कि सरकार 1000 बसें और किलोमीटर स्कीम पर लेने के ब्यान को वापिस ले तथा कौशल रोजगार निगम के तहत रोङवेज में भर्ती प्रकिया पर तुरन्त रोक लगाये अन्यथा रोङवेज कर्मचारियों के आक्रोश को झेलते हुए एक बार फिर बङे आन्दोलन का सामना करना पङेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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