भाजपा-मोदी-संघ इनते ही पिछडे वर्ग के हितैषी है तो 7 अगस्त 1990 को जब वीपी सिंह जनता दल सरकार ने मंडल कमीशन को लागू करके पिछडे वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया था, तब भाजपा ने वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापिस लेकर उस सरकार को गिराने का पाप क्यों किया था? विद्रोही 12 अप्रैल 2022 – मोदी-भाजपा को पिछडे वर्ग का हितैषी, रहनुमा साबित करने वाले भाजपा नेताओं से स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सार्वजनिक सवाल किया कि यदि भाजपा-मोदी-संघ इनते ही पिछडे वर्ग के हितैषी है तो 7 अगस्त 1990 को जब वीपी सिंह जनता दल सरकार ने मंडल कमीशन को लागू करके पिछडे वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया था, तब भाजपा ने वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापिस लेकर उस सरकार को गिराने का पाप क्यों किया था? विद्रोही ने मगरमच्छी आंसूु बहाकर पिछडे वर्ग हितैषी बनने का दमगज्जा मारने वाले संघीयां से पूछा कि फिर उन्होंने 1991 में मंडल कमीशन के खिलाफ कंमडल आंदोलन चलाकर भारत में विभाजन, बटवारे, व नफरत कीे राजनीति करने की शुरूआत क्यों की थी? यदि भाजपा इतनी ही पिछडा वर्ग हितैषी थी तो सडकों पर मंडल कमीशन के खिलाफल क्यों की थी? वहीं भाजपा ने मई 1991 के लोकसभा चुनाव मंडल कमीशन को विरोध का मुख्य एजेंडा क्यों बनाया? विद्रोही ने कहा कि पिछडा वर्ग आरक्षण के विरोध में कमंडल आंदोलन चलाकर मंडल कमीशन का खुलेआम विरोध करने वाले भाजपाई-संघी ही यदि पिछडा वर्ग हितैषी है तो पिछडे वर्ग का दुश्मन कौन है? भाजपा-संघ का 97 वर्ष का सामूूहिक राजनीतिक व सामाजिक इतिहास गवाह है कि वे पिछडे, दलित वर्ग के घोर विरोधी व संघी हिन्दुत्व का प्रबल समर्थक रहे है। हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली भाजपा संघी मनुवादी व्यवस्था में विश्वास करते है और उसी अनुसार राजनीति में पिछडे, दलित, आदिवासी व मेहनतकश वर्ग को शूद्र मानकर समाज में बराबरी, शिक्षा के हर अधिकार को छीनना चाहते है। संघी ही यदि पिछडा वर्ग हितैषी है तो फिर इन वर्गो का विरोधी कौन है? विद्रोही ने कहा कि क्या मोदी-भाजपा-संघ की राजनीति का आधार संघी हिन्दुत्व नही है? वे झूठ बोलकर, सत्ता दुरूपयोग से पिछडा वर्ग हितैषी होने का लाख ढोंगे कर ले, पर क्या वे 1990 से मंडल कमीशन, पिछडा वर्ग आरक्षण के सडकों पर किये गए विरोध का इतिहास बदल सकते है? मोदी-भाजपा-संघी सरकार ने विगत आठ सालों से चोर दरवाजे से क्या पिछडे वर्ग के आरक्षण को खत्म करने का कुप्रयास नही किया? क्या मोदी की केन्द्र सरकार व भाजपा शासित राज्यां में पिछडे वर्ग के मंत्री शोपिस व संघी कठपुतली नही है? विद्रोही ने पिछडा, दलित, आदिवासी व शोषित-वंचित वर्ग से आग्रह किया कि वे एक बात की गांठ बांध ले कि भाजपा-संघ अपने विगत 97 सालों के सामाजिक व राजनीतिक इतिहास में कभी भी इन वर्गो के पक्षधर नही रहे है। संघी व संघी हिन्दुत्व विचारधारा ओबीसी, एससी, एसटी की पैदायशी विरोधी विचारधारा है जो आगे भी रहेगी। Post navigation डबल रोटी के दाम बढ़ सकते हैं 12 से 15 प्रतिशत 13 अप्रैल – जलियांवाला बाग हत्याकांड विशेष…… आधुनिक इतिहास के खूनी नरसंहारों में से एक