उमेश जोशी अगले कुछ दिनों में डबल रोटी महंगी हो सकती है। इसके दामों में 12 से 15 प्रतिशत तक इजाफा होने के आसार हैं। एफएमसीजी उद्योग के एक विशेषज्ञ के अनुसार डबल रोटी बनाने वाली कंपनियां 100 रुपए की बिक्री पर तीन रुपए मुनाफा कमा रही थीं लेकिन कच्चा माल और पैकिंग का सामान महंगा होने और ढुलाई खर्च बढ़ने के कारण अब 100 रुपए की बिक्री पर सवा तीन रुपए का घाटा हो रहा है; जिस तरह कच्चे माल के दाम बढ़ रहे हैं उससे घाटा और बढ़ने की आशंका है। ब्रेड यानी डबल रोटी का मुख्य कच्चा माल गेहूँ का आटा है। डबल रोटी के कच्चे माल में करीब 70 फीसदी हिस्सा आटे का होता है। आटा लगातार महँगा हो रहा है। अभी आटा 24 से 27 रुपए बिक रहा है। जानकारों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में दो रुपए की बढ़ोतरी और होने वाली है। मौजूदा दामों पर यह वृद्धि करीब आठ प्रतिशत होगी। दूसरा महत्त्वपूर्ण कच्चा माल पामोलिव ऑयल है जो आयात होता है। पिछले साल तक पामोलिव ऑयल 100 से 105 रुपए लीटर बिक रहा था। आज इसके दाम 150 रुपए लीटर से अधिक हैं। एक साल में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है। वैसे असंगठित क्षेत्र के डबल रोटी निर्माता पामोलिव ऑयल की बजाय सनफ्लावर ऑयल भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हालाँकि डबल रोटी की क्वालिटी के लिए पामोलिव ऑयल ही प्रयोग किया जाता है लेकिन असंगठित क्षेत्र के डबल रोटी निर्माता क्वालिटी से कई तरह से समझौता करते हैं जबकि उनकी क्वालिटी पर कोई नियंत्रण नहीं है। यदि असंगठित क्षेत्र के डबल रोटी निर्माता सनफ्लावर आयल का भी प्रयोग करते हैं तो वो भी पिछले एक साल में 70 फीसदी महँगा हो चुका है। डबल रोटी का तीसरा कच्चा माल यीस्ट (खमीर) और ग्लूटन है। इसके दामों में भी 10 फीसदी का इजाफा हो चुका है। इसके अलावा कच्चे माल और तैयार माल की ढुलाई महँगी हो गई है क्योंकि डीजल, पेट्रोल और सीएनजी के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो चुकी है और कोई गारंटी नहीं है कि आगे दाम नहीं बढ़ेंगे। डबल रोटी पकाने वाले ओवेन (गैस के चूल्हे) एलपीजी से चलते हैं। एलपीजी महंगी होने से भी उत्पादन लागत बढ़ी है। इसके अलावा डबल रोटी पैक करने के सामान में 5 से 6 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। इन परिस्थितियों में डबल रोटी निर्माता कंपनियां लंबे समय तक घाटा बर्दाश्त नहीं कर पाएँगी। निकट भविष्य में कच्चे माल के दाम कम होने के आसार भी नहीं हैं इसलिए बढ़ी उत्पादन लागत से निपटने के लिए दाम बढ़ाना कंपनियों की मजबूरी है। Post navigation सेल्फ फाइनेंस पाठयक्रमों को बजटेड पाठयक्रमों में बदलने की मांग : रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस में रार……… कुमारी शैलजा ने की सोनिया गांधी से मुलाकात, अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश