हिसार:11 अप्रैल – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का संग्रहालय हरियाणा के परंपरागत जीवन मूल्यों की बहुत बेहतर ढंग से झलक प्रस्तुत करता है। इस संग्रहालय में गौरवमयी संस्कृति व ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी भी मिलती है। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में नवस्थापित डॉ. मंगल सेन कृषि विज्ञान संग्रहालय का भ्रमण करने बाद व्यक्त किए। इस अवसर पर निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता भी उनके साथ उपस्थित रहे। राज्यपाल ने कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज की अगुवाई में संग्रहालय का दौरा किया। उन्होंने यहां प्रदर्शित कृषि की विकास यात्रा, इस विश्वविद्यालय की विशिष्ट उपलब्धियों के साथ हरियाणवी संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले ग्रामीण पुरातन संग्रहालय में बहुत गहरी रूचि दिखाई और यहां प्रदर्शित किए गए पुरातन यंत्रों, ग्रामीण दिनचर्या की विभिन्न वस्तुओं जैसे रसोई का सामान, बर्तन, वस्त्र, चरखा, बैलगाड़ी आदि को देखा। इनके अलावा उन्होंने त्री-आयामी (थ्री-डी)मॉडल के जरिए दी गई कृषि संबंधी जानकारियों, हरियाणा की गौरवपूर्ण विकास यात्रा के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, जनसांख्किीय आंकडों का बारीकी से अध्ययन किया। उन्होंने आंगतुकों विशेषकर स्कूली बच्चों को कृषि के बारे में जागरूक करने के लिए कृषि विकास यात्रा के त्री-आयामी भिती-चित्रों और विस्तृत व्याख्या के लिए लगाए गए टच-स्क्रीन कियोस्कों की प्रशंसा की। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय जो इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी है, संग्रहालय में करीब दो घंटे तक रहे और उन्होंने यहां प्रदर्शित किए गए सभी माडॅलों, वस्तुओं आदि की बारीकी से जानकारी हासिल की। उन्होंने विश्वविद्यालय की शोध, शिक्षा एवं विस्तार से संबंधित लघु वृतचित्र दिखाने के लिए बनाए गए लघु थिएटर का अवलोकन किया। बता दें कि प्रखर राष्ट्रभक्त, समाज सुधारक व हरियाणा केसरी के उपनाम से प्रसिद्व हरियाणा के उप मुख्यमंत्री डॉ. मंगल सेन को स्मर्पित इस कृषि विज्ञान संग्रहालय का हाल ही में 26 मार्च को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने लोकापर्ण किया था। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. एसके महता, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर, डॉ. केडी शर्मा, विस्तार शिक्षा निदेशक, डॉ. बलवान मंडल, अनुसंधान निदेशक, डॉ. जीत राम शर्मा, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, डॉ. एसके पाहुजा व अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। Post navigation किसानों को एमएसपी पर मिलना चाहिए ₹500 बोनस- हुड्डा संवेदनशील पत्रकार, साहसी बौद्धिक योद्धा थे श्याम खोसला