पंजाब में बनी गई आप पार्टी की भगवंत मान सरकार ने किसी भी पूर्व विधायक को केवल एक टर्म की ही पैंशन देने का ऐलान किया है, पर जब यह निर्णय लागू किया जायेगा तब ही इसके सही स्वरूप का पता चलेगा। अभी तक यह केवल कागजी घोषणा ही है।

10 अप्रैल 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि एक सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता के नाते वे विगत 35 वर्षो से मांग करते आये है कि सांसदों, विधायकों की पैंशन पूर्णतया बंद होनी चाहिए। विद्रोही ने कहा कि आश्चर्य यह है कि केन्द्र की वाजपेयी भाजपा सरकार ने 2004 से सरकारी कर्मचारियों की पैंशन तो बंद कर दी थी, लेकिन सांसदों, विधायकों की पैंशन बंद करने पर कभी किसी भी सरकार ने विचार तक नही किया। कई राज्यों ने एक ही व्यक्ति को बार-बार विधायक बनने पर हर टर्म की पैंशन देने के प्रावधान को कई राज्यों ने एक सीमित राशी तक निर्धारित किया है। वहीं पंजाब में बनी गई आप पार्टी की भगवंत मान सरकार ने किसी भी पूर्व विधायक को केवल एक टर्म की ही पैंशन देने का ऐलान किया है, पर जब यह निर्णय लागू किया जायेगा तब ही इसके सही स्वरूप का पता चलेगा। अभी तक यह केवल कागजी घोषणा ही है।

विद्रोही ने कहा कि सांसदों को मिलने वाली पैंशन को समय-समय पर बढ़ाया तो गया है, पर कभी भी इसमें कटौती नही की गई। सवाल उठता है कि विधायक, सांसद व देशभर के अन्य स्तर के चुने नगर निकाय व पंचायती राज सदस्यों को टर्म पूरा होने पर पैंशन मिले ही क्यों ? सांसद, विधायक व निचले स्तर के विभिन्न निर्वाचित जनप्रतिनिधि नौकरी करने की सोच के साथ तो चुनाव नही लड़तेे तो फिर रिटायर होने पर उन्हे पैंशन देने का औचित्य ही समझ से परे है। वहीं जो निर्वाचित प्रतिनिधि चुनाव लडने व अपने राजनीतिक कार्यक्रम चलाने के लिए करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाते है, उनको पैंशन की आवश्यकता ही क्या है? 

विद्रोहीे ने कहा कि अब समय आ गया है कि जब राजनीति को व्यापार समझकर निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने का नाजायज फायदा उठाने वाले सभी सांसदों, विधायकों, नगर निकाय, पंचायती राज के चुने सदस्यों की पैंशन बंद करने पर आमजन राजनीतिक दलों पर दबाव बनाये ताकि यह अनुचित पैंशन व्यवस्था ही बंद हो। विद्रोही ने मांग की कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपना आत्मविश्नलेषण करके निजी हित व स्वार्थो से ऊपर उठकर सभी स्तर के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की पैंशन व पूर्व होने पर मिलने वाली भारी भरकम सुविधाओं को बंद करने कीे पहल करनी चाहिए। 

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