बोले – खाद- पेट्रोल-डीज़ल-गैस – दवाईयों – राशन सब हुआ महंगा
सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर किया प्रहार, कहा – भाजपा सरकार का अप्रैल महीने का उपहार – देश पर लादा रु.1,56,433 करोड़ का बोझ
महंगाई को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिह सुरजेवाला ने कैथल के जवाहर पार्क में कांग्रेस कार्यकर्ताओ के साथ दिया धरना, तत्पश्चात नवग्रह चौंक तक रोष प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

कैथल, 09 अप्रैल 2022 – कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिह सुरजेवाला ने आज कांग्रेस के कार्यकर्ताओ के साथ मिलकर आए दिन बढ रही पेट्रोल-डीजल-गैस व अन्य संसाधनो में मोदी सरकार द्वारा की जा रही बढोत्तरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। कैथल के जवाहर पार्क में कांग्रेस कार्यकर्ताओ के साथ धरना दिया तत्पश्चात नवग्रह चौंक तक रोष प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिह सुरजेवाला ने मोदी-खट्टर व दुष्यंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गैस की कीमत दुनिया में सबसे महंगी, पेट्रोल व डीज़ल की महंगाई दुनिया में तीसरे और आठवें स्थान पर। महंगाई और गर्मी, दोनों आसमान छू रहे हैं और लोग पिस रहे हैं। महंगाई डायन ने जनता का पैसा लूट लिया है।

उन्होने कहा कि मोदी सरकार द्वारा 1 अप्रैल से भारत की जनता पर लादी गई क्रूर, भारी और कमरतोड़ ‘मूल्य वृद्धि’ ने देश के हर परिवार का बजट बिगाड़ दिया है।

  1. पेट्रोल-डीजल के मूल्य में रोज वृद्धि का “दैनिक गुड मॉर्निंग गिफ्ट”: मार्च महीने में औसत मूल्य 112.87 डॉलर प्रति बैरल था, जो कल 8 अप्रैल को घटकर 97.59 डॉलर प्रति बैरल रह गया फिर भी पेट्रोल-डीजल सस्ता करने की बजाय पिछले 18 दिनों में 14 बार पेट्रोल और डीजल के मूल्य बढ़ाए गए। कच्चा तेल लगातार सस्ता होने के बावजूद पेट्रोल और डीज़ल का मूल्य भारत में पिछले 18 दिनों में 10 रु. प्रति लीटर बढ़ गया है।

भारत सरकार के पेट्रोलियम प्लानिंग एवं एनालिसिस सेल के मुताबिक साल 2020-21 में 27,969 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल का उपभोग हुआ था। पेट्रोल के मूल्य में 10 रु. प्रति लीटर की वृद्धि से देश के नागरिकों पर रु.27,969 करोड़ का अतिरिक्त सालाना बोझ पड़ेगा।

भारत सरकार के पेट्रोलियम प्लानिंग एवं एनालिसिस सेल के मुताबिक, साल 2020-21 में 72,713 हजार मीट्रिक टन डीज़ल का उपभोग हुआ था। डीजल के मूल्य में 10 रु. प्रति लीटर की वृद्धि से देश के नागरिकों पर रु.72,713 करोड़ का अतिरिक्त सालाना बोझ पड़ेगा।

मोदी सरकार ने रसोई गैस-पेट्रोल-डीजल महंगाई में भारत को सबसे महंगा बना दिया है! क्रय शक्ति के पैमाने पर भारत में रसोई गैस दुनिया में सबसे महंगा है, पेट्रोल की कीमत तीसरी सबसे ज्यादा महंगी है और डीजल में महंगाई के मामले में हम पूरी दुनिया में आठवें स्थान पर हैं।

मोदी सरकार ने अकेले पेट्रोल और डीजल पर एक्साईज ड्यूटी बढ़ाकर आठ सालों में रु.26,00,000 करोड़ (26 लाख करोड़ रु.) का मुनाफा कमा लिया।

  1. एलपीजी गैस सिलेंडर के मूल्य बढ़ाकर मारा गरीब की पीठ पर चाबुक: 1 अप्रैल को कमर्शियल गैस सिलेंडर के मूल्य में रु.250 प्रति सिलेंडर की बढ़ोत्तरी कर दी गई। पिछले 2 महीनों में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर का मूल्य रु.346 बढ़ाया गया।

सब्सिडी वाले घरेलू गैस सिलेंडर का मूल्य 22 मार्च को 50 रु. बढ़ाया गया। मार्च, 2021 से घरेलू गैस सिलेंडर के मूल्य में रु.140.50 की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। भारत सरकार के पेट्रोलियम प्लानिंग एवं एनालिसिस सेल’ के मुताबिक, साल 2020-21 में 27,384 हजार मीट्रिक टन एलपीजी का उपयोग किया गया। प्रति सिलेंडर रु.140.50 की मूल्यवृद्धि से देश के नागरिकों पर रु.27,095 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

  1. कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) पर हमलाः सीएनजी आम नागरिकों: ऑटो, टैक्सी, बस, ट्रक वालों और उन कार मालिकों का ईंधन है, जो महंगे पेट्रोल और डीज़ल का खर्च नहीं उठा सकते। 7 अप्रैल को एक महीने में 9वीं बार सीएनजी के दाम बढ़ा दिए गए। 2.50 रु. प्रति किलोग्राम की बढ़ोत्तरी के बाद पिछले एक महीने में सीएनजी 12.10 रु. प्रति किलो ज्यादा महंगी हो गई है। आज करनाल-कैथल में सीएनजी रु.77.77 प्रति किलोग्राम मिल रही है। भारत सरकार के 2019-20 के सीएनजी उपयोग के आँकड़ों के अनुसार, भारत में 3,247 हजार मीट्रिक टन सीएनजी का उपयोग हुआ। इसके आधार पर साल 2021-22 में 3,500 हजार मीट्रिक टन सीएनजी का उपयोग होने का अनुमान है। इस माह 12.10 रु. प्रति किलोग्राम की बढ़ोत्तरी के साथ देश के नागरिकों पर रु.4,235 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
  2. पाईप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) के आसमान छूते मूल्य: 1 अप्रैल को पीएनजी के मूल्य में दिल्ली में 5 रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर और नोएडा में 5.85 रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की वृद्धि कर दी गई। इससे पहले 24 मार्च को पीएनजी में दिल्ली में 1रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की बढ़ोत्तरी की गई थी। पिछले एक माह में दिल्ली में पीएनजी का मूल्य 6रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर बढ़ाया गया। सरकार / पीएनजी कंपनियों के आँकड़ों के मुताबिक, एक औसत घर में 15 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर पीएनजी हर माह इस्तेमाल होती है। भारत में पीएनजी के 89 लाख कनेक्शन हैं। इसके आधार पर प्रतिमाह 6रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की वृद्धि से देश के लोगों पर रु.961.20 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
  3. 62 करोड़ किसानों को टैक्स के बोझ से लादा: मोदी सरकार किसान आंदोलन का बदला भारत के किसानों से लेने की कोशिश कर रही है। 50 किलोग्राम के डीएपी खाद के बैग का मूल्य 150 रु. प्रति बैग बढ़ाकर इसे रु. 1200 प्रति बैग से रु.1350 प्रति बैग तक पहुंचा दिया गया है। भारत के किसान हर साल 1,20,00,000 टन (1. 20 लाख करोड़ टन) डीएपी खाद का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए डीएपी खाद का मूल्य बढ़ने से देश के किसानों पर रु.3,600 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। एनपीकेएस के 50 किलो के बैग में रु.110 प्रति बैग की वृद्धि कर इसका मूल्य रु.1290 से बढ़ाकर रु.1400 प्रति बैग कर दिया गया है। इससे किसानों पर रु.3,740 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
  4. टोल टैक्स ने बढ़ाया लोगों की जेब पर भारः 1 अप्रैल से राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स 10 से 18 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। भारत सरकार द्वारा साल 2020-21 में रु.28,458 करोड़ का वार्षिक टोल टैक्स एकत्रित किया गया था। साल 2021-22 में टोल टैक्स के बढ़कर रु.34,000 करोड़ (श्री नितिन गडकरी के अनुसार ) तक पहुंचने का अनुमान था। 18 प्रतिशत वृद्धि से राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करने वाले लोगों पर रु.6,120 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
  5. दवाईयों पर टैक्स मरीजों पर टैक्सः मोदी सरकार ने तो बीमारों को भी नहीं बख्शा। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राईसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने 1 अप्रैल से लगभग 800 जरूरी दवाईयों के मूल्यों में 10.76 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। आम दवाईयां, जैसे पैरासिटामोल, बुखार की दवाईयां, एजिथ्रोमाईसिन, सिप्रोफ्लोक्सेसिन, मेट्रोनिडोजोल एवं कोविड-19 केयर, दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर एनीमिया त्वचा रोग की दवाईयां, मिनरल्स और विटामिन सब के सब महंगे कर दिए गए हैं। उद्योग के अनुमानों के अनुसार इससे आम लोगों की जेब पर रु.10,000 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
  6. घर का सपना – भारतीयों के लिए बना मृगतृष्णाः घर की कीमतें और घर बनाने की लागत में अप्रैल में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई। स्टील, सीमेंट, ईटें, कॉपर, सैनिटरी फिटिंग, लकड़ी आदि सब महंगे हो गए। स्टील की कीमतें मार्च 2021 से मार्च 2022 के बीच 30 प्रतिशत बढ़ गई इसी अवधि में सीमेंट का मूल्य 22 प्रतिशत, कॉपर एवं एलुमीनियम की लागत क्रमशः 40 प्रतिशत और 44 प्रतिशत बढ़ गई। स्टील के मूल्य रु.35 प्रति किलोग्राम से रु.90 प्रति किलोग्राम बढ़ गए। सीमेंट का बैग लगभग रु.100 बढ़ गया।
  7. होम लोन पर टैक्स डिडक्शन खत्म किया: आईटी अधिनियम के सेक्शन 80ईईए के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को होम लोन पर ब्याज के भुगतान के लिए 1.5 लाख रु. तक की अतिरिक्त टैक्स कटौती का लाभ मिलता था, जिसे मोदी सरकार ने अब खत्म कर दिया है।
  8. पीएफ खाते पर टैक्स: अब आपका रिटायरमेंट का पैसा भी सरकार की जेब में जाएगा। 1 अप्रैल, 2022 से ईपीएफ खाते में 2.5 लाख रु. से ज्यादा जमा करने पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लिया जाएगा। इससे पहले प्रॉविडेंट फंड की ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया गया था, जिससे लगभग 6.7 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे।
  9. मोदी सरकार ने कार खरीदना किया महंगा: देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी जल्द ही एक बार फिर मूल्य बढ़ाने की घोषणा करेगी। जनवरी, 2021 के बाद मारुति सुजुकी चार बार मूल्य बढ़ाकर मूल्य में 9 प्रतिशत की वृद्धि कर चुकी है, यह एक साल में किसी कार निर्माता द्वारा की गई सबसे बड़ी मूल्य वृद्धि है। टाटा मोटर्स अपने कमर्शियल वाहनों का मूल्य 2.5 प्रतिशत बढ़ाएगी। टोयोटा ने 4 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि की घोषणा कर दी है। थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस अब हो गया है और ज्यादा महंगा । –
  10. टीवी, एसी, रेफ्रिजरेटर, एलईडी, मोबाईल की कीमतों में लगी आग: 1 अप्रैल से मोदी सरकार ने एलुमीनियम अयस्क और कॉन्सन्ट्रेट पर 30 प्रतिशत ड्यूटी लगा दी है, जिसका उपयोग टेलीविज़न, एसी और रेफ्रिजरेटर हार्डवेयर बनाने में होता है। इसके अलावा, कंप्रेसर में इस्तेमाल होने वाले पार्टस पर इंपोर्ट ड्यूटी भी बढ़ा दी गई है, जिससे रेफ्रिजरेटर का मूल्य भी बढ़ जाएगा। एलईडी बल्ब बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर बेसिक कस्टम ड्यूटी और 6 प्रतिशत की रिइम्बर्समेंट ड्यूटी वसूली जाएगी। इसका परिणाम यह होगा कि एसी, टीवी, फ्रिज, एलईडी बल्ब के मूल्य 15 प्रतिशत और मोबाईल के मूल्य 20 से 30 प्रतिशत बढ़ जाएंगे।

नागरिक के जीवन से जुड़ा कोई पहलू नहीं है, जिसमें मूल्यों में वृद्धि नहीं की गई है। इस प्रकार जनता की जेब पर डाका डालने की जिम्मेदार मोदी सरकार है।

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