BJP-JJP ने कानून-व्यवस्था का दिवालिया पीट दिया- दीपेंद्र हुड्डा

• CM दौरे के समय रोहतक में हुई डकैती इसका जीता जागता उदाहरण – दीपेंद्र हुड्डा
• बढ़ते अपराध का कारण कुशासन और बेरोजगारी – दीपेंद्र हुड्डा
• हुड्डा सरकार के समय अपराधियों में क़ानून का था खौफ, आज लोग अपराध और अपराधियों से हैं खौफजदा – दीपेंद्र हुड्डा

रोहतक, 9 अप्रैल। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक में दिन-दहाड़े ATM कैश वैन गार्ड को गोली मारकर 2.6 करोड़ रुपये की डकैती की घटना पर गहरी नाराजगी और चिंता जताते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोगों ने अपनी सुरक्षा को ही कानून-व्यवस्था मान लिया है। जबकि, हत्या, रेप, चोरी, फिरौती, लूट, डकैती आम हरियाणवी की दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं। NCRB के आंकड़े बताते हैं कि BJP-JJP ने कानून-व्यवस्था का दिवालिया पीट दिया है। CM दौरे के समय रोहतक की डकैती इसका जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार के समय अपराधियों में क़ानून का खौफ था, आज लोग अपराध और अपराधियों से खौफजदा हैं। मुख्यमंत्री ने खुद ही लट्ठ उठाने और जेल जाने से न डरने की बात कहकर अपराधियों के अन्दर से सलाखों के पीछे जाने का डर निकाल दिया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जब जेल जाने का डर ही नहीं रहेगा तो क़ानून-व्यवस्था ठीक कैसे रहेगी।

सरकारी आंकड़े भी कह रहे हैं कि हरियाणा अपराध के मामले में टॉप के राज्यों में शामिल है। दीपेन्द्र हुड्डा ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा किस कदर अपराध के गर्त में जा चुका है उसकी गवाही खुद सरकार के आंकड़े दे रहे हैं। हिंसक अपराध दर में हरियाणा 41.5 प्रतिशत के साथ बिहार को 41.9 पर सीधी टक्कर दे रहा है। उन्होंने कहा कि बढ़़ते अपराध का कारण प्रदेश सरकार का कुशासन और बढ़ती बेरोजगारी है। हरियाणा बेरोजगारी के मामले में लगातार पूरे देश में टॉप पर बना हुआ है। सामान्यतः देखा जाता है कि रोजगारशुदा व्यक्ति अपराध करने से डरता है। उसे इस बात का डर रहता है कि ऐसा करने से कहीं उसका रोज़गार न चला जाए।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने विधानसभा में खुद माना है कि प्रदेश में पिछले आठ सालों में महिला अपराध के मामलों में 65 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। विडम्बना ये है कि वर्ष 2018 से 2021 तक पिछले चार वर्षों में तो इसमें काफी तेज वृद्धि हुई है। वहीँ महिला अपराध से जुड़े मामलों में राज्य में दोषसिद्धि की दर बेहद खराब रही है। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 में केवल 151, वर्ष 2015 में 108, वर्ष 2016 में 91, वर्ष 2017 में 84, वर्ष 2018 में 48, वर्ष 2019 में 28, वर्ष 2020 में 03 और वर्ष 2021 में केवल एक को दोषी ठहराया गया था। जो हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार के लचर रवैये और अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में कमजोर इच्छाशक्ति का प्रतीक है। इससे न केवल अपराधियों की हिम्मत बढ़ी है बल्कि आम लोगों का सरकार पर भरोसा टूटा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जानलेवा हमले, हत्या, लूट आदि घटनाएं दनादन हो रही हैं। अपराधी बेखौफ हो गये हैं। शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता हो जब संगीन अपराधों की खबरें सामने न आती हों। उन्होंने कहा कि बिगड़ती कानून-व्यवस्था से समाज का हर वर्ग आक्रोशित और डरा सहमा सा है।

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