केंद्र व प्रदेश सरकार को एफसीआई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जो अधिकारी सेवा शुल्क लिए बिना गेहूं गोदाम में नहीं उतरवाते हैं- बजरंग गर्ग
किसान देश का अन्नदाता, व्यापारी देश की रीड की हड्डी है दोनों का चोली दामन का साथ है- बजरंग गर्ग

चंडीगढ़- हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड़ के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने अनाज मंडी के दौरों के दौरान गेहूं खरीद का जायजा लेने के उपरांत कहा की 1 अप्रैल 2022 से प्रदेश की अनाज मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है मगर गेहूं खरीद के लिए सरकार की तरफ से मंडियों में कोई भी पुख्ता प्रबंध नहीं है जबकि गेहूं खरीद के लिए मंडियों में सरकार की तरफ से पुख्ता से पुख्ता प्रबंध करने चाहिए। जिसमें गेहूं खरीद, गेहूं उठान व फसल का भुगतान समय सीमा पर किया जाए।

श्री गर्ग ने सरकार से अपील की है कि किसानों को गेहूं खरीद पर कम से कम 200 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए। गेहूं का एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल बहुत थोड़ा है। बजरंग गर्ग के ने कहा कि किसान भवन में किसानों के ठहरने, चाय-पानी व खाने की कोई भी व्यवस्था सरकार की तरफ से नहीं है। सरकार को तुरंत प्रभाव से प्रदेश के सभी किसान भवन में किसानों के ठहरने, चाय-पानी व खाने की व्यवस्था सचारु रूप से करनी चाहिए। किसान देश का अन्नदाता है और व्यापारी देश की रीड की हड्डी है।किसान व व्यापारी का चोली-दामन का साथ है। श्री गर्ग ने कहा कि गेहूं व धान खरीद की उठान 24 घंटे व फसल का भुगतान 72 घंटे में सरकार को करना चाहिए। अनाज खरीद का भुगतान के साथ-साथ आढ़तियों की आढ़त व मजदूरों की मजदूरी का भुगतान भी 72 घंटे में सरकार को करना चाहिए। सरकार फसल का भुगतान, कमीशन व पल्लेदारों की मजदूरी लेट करने पर उसका ब्याज सहित भुगतान करना चाहिए।

श्री गर्ग ने कहा कि गेहूं खरीद को एफसीआई अधिकारी बिना सेवा शुल्क लिए अपने गोदाम में उतारे में आनाकानी कर रहे हैं। हिसार व अन्य मंडी से गेहूं खरीद के ट्रक एफसीआई गोदाम में गए मगर एफसीआई अधिकारियों ने गोदाम में गेहूं उतारने की बजाए, उन्हें वापिस भेज दिया। श्री गर्ग ने केंद्र व प्रदेश सरकार से अपील की है कि जो अधिकारी पैसे खाने के चक्कर में गेहूं उतारने में आनाकानी करे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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