चण्डीगढ़, 7 अप्रैल – जाति व सम्प्रदाय के आधार पर अनावश्यक विवाद से मुक्त कराने व सामाजिक संतुलन  के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी लोगों के लिए एक सामान्य शमशान घाट हो, ताकि समाज में समरसता बढ़े।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि बिना किसी विवाद के समरूप समाज के विकास के लिए इस तरह के कदम उठाना बेहद जरूरी है ताकि इनके लागू होने से राज्य धीरे-धीरे एक समरसता समाज की ओर बढ़ेगा। उन्होंने सामाजिक असमानताओं को दूर करने के लिए यह भी सुझाव दिया कि हर जाति या सम्प्रदाय के लोगों को एक छत के नीचे लाने के लिए सामान्य सामुदायिक केंद्र भी बनाए जाएं ।

मुख्यमंत्री ने ये निर्देश अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम, 1995 के नियम 16 के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता के दौरान दिए। उन्होंने बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान और उनके लिए योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए विचार विमर्श भी किया। इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ बनवारी लाल और श्रम और रोजगार राज्य मंत्री श्री अनूप धानक भी बैठक में मौजूद थे।

श्री मनोहर लाल ने संबंधित अधिकारियों को लंबित मामलों और पिछले 10 वर्षों में हत्या, हत्या का प्रयास और बलात्कार के मामले की रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करने , लाभार्थियों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता से संबंधित लंबित मामलों, देरी के कारणों का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।

श्री मनोहर लाल ने सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक को इस समिति का सदस्य बनाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि बस्तियों व कालोनियों में रहने वाले अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों तक उनके लिए चलाई जा रही जनकल्याणकारी स्कीमों/योजनाओं का विभिन्न माध्यमों से प्रभावी ढंग प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सकें।

इस अवसर पर गृह मंत्री श्री अनिल विज ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद ऐसे मामलों की सूचना अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को पूरी जानकारी के साथ समय से उपलब्ध कराएं। श्री विज ने उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि पुलिस अधीक्षक द्वारा एफआईआर दर्ज की एक प्रति उपायुक्त और समाज कल्याण विभाग को भेजी जाए।

बैठक में राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति के सदस्य विधायक श्री ईश्वर सिंह, श्री सत्य प्रकाश जरावता, श्री वरुण चौधरी और श्री शीशपाल सिंह मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी,  अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, एडीजीपी श्री.ए.एस.चावला और डीआईजी नाजनीन भसीन सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

error: Content is protected !!