गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में प्रोजेक्ट कन्सलटेंट्स के साथ सिआ चेयरमैन ने की बैठक , कहा पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को एकजुटता से करने होंगे प्रयास.
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी. राघवेन्द्र राव भी रहे मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित
र्प्यावरण संरक्षण संबंधी नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा की सिआ अथोरिटी अपनी एन्फोर्समेंट विंग को मजबूत करेगी-सरो

गुरूग्राम, 29 मार्च। हरियाणा की स्टेट एनवायरमेंट इम्पेक्ट असेसमेंट अथोरिटी (सिआ) ने सक्रियता से काम करना शुरू कर दिया है। आज अथोरिटी की नई बनाई गई वैबसाईट शुरू की गई जिसे विधिवत रूप से अथोरिटी के नवनियुक्त चेयरमैन समीर पाल सरो(सेवानिवृत आईएएस) ने गुरूग्राम में आयोजित बैठक में लांच किया। प्रोजेक्ट कन्सलटेंट्स के साथ आयोजित अथोरिटी की पहली बैठक में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी. राघवेन्द्र राव मुख्य अतिथि के तौर उपस्थित थे। बैठक में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर बल देते हुए प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया। यह बैठक लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित की गई थी।

पर्यावरण संरक्षण सामुहिक जिम्मेदारी, प्रोजेक्ट कसंलटेंट को किया सैंसीटाइज

बैठक के उपरांत संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चेयरमैन समीर पाल सरो ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सभी की सामुहिक जिम्मेदारी है। इसी उद्देश्य को लेकर आज प्रोजेक्ट तैयार करने वाले कंसलटेंट को सैसीटाइज करने के लिए गुरूग्राम में उनकी बैठक बुलाई गई थी। उन्होंने बताया कि सभी प्रौजेक्ट कंसलटेंट को यह समझाया गया है कि आर्थिक विकास जारी रहे लेकिन उसमें पर्यावरण को कही भी क्षति ना पहुंचे, वे ऐसे प्रोजेक्ट तैयार करें । उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट तैयार करते समय पर्यावरण के पहलु का भी अवश्य ध्यान रखा जाए। साथ ही श्री सरो ने बताया कि एन्वायरमेंट क्लीयरेंस की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अथोरिटी की आज नई वैबसाईट लांच की गई है। पर्यावरण संबंधी नोटिफिकेशन , फीस , आवेदन के साथ लगाए जाने वाले दस्तावेजों की चैक लिस्ट इस वैबसाइट पर अपलोड की गई है। उन्होंने कहा कि र्प्यावरण संरक्षण संबंधी नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा की सिआ अथोरिटी अपनी एन्फोर्समेंट विंग को मजबूत करेगी।

एन्वायरमेंट क्लीयरेंस प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए की गई वैबसाईट लांच

उन्होंने बताया कि पर्यावरण को लेकर भारत सरकार और हरियाणा सरकार के स्तर पर नीतियां तथा योजनाएं बनाई जा रही है और लागू की जा रही है। भारत सरकार ने एन्वायरमेंट क्लीयरेंस संबंधी एजेंडा और उस पर लिए गए निर्णय आदि के मूल्यांकन के लिए ‘ परिवेस‘ नामक पोर्टल बनाया हुआ है। इस पोर्टल पर देश के सभी राज्यों की सिआ अथोरिटी को एजेंडा और बैठक की कार्यवाही अपलोड करनी अनिवार्य की गई है। श्री सरो ने बताया कि हरियाणा में वैबसाईट के माध्यम से समानांतर प्लैटफार्म उपलब्ध करवाया गया है जहंा पर वैसी ही सूचनाएं उपलब्ध होंगी जैसी कि भारत सरकार के परिवेस पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाती हैं।

अक्टूबर 2021 से स्क्रुटनी फीस का किया गया प्रावधान

सवालों के जवाब में श्री सरो ने बताया कि किसी भी प्रोजेक्ट के लिए एन्वायरमेंट क्लीयरेंस लेना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने अक्टूबर 2021 में स्क्रूटनी फीस जमा करवाने का प्रावधान किया है। इस प्रावधान के अनुसार 5 करोड़ रूप्ये तक परियोजना लागत पर जांच शुल्क या स्क्रुटनी फीस 50 हजार रूप्ये, 5 से 25 करोड़ रूप्ये तक की लागत वाली परियोजना के लिए 1 लाख रूप्ये ,25 से 100 करोड़ रूप्ये तक की परियोजना के लिए 1.5 लाख रूप्ये , 100 करोड़ रूप्ये से अधिक की परियोजना के लिए 2 लाख रूप्ये जांच शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, 5 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में प्रमुख खनिज जैसे लोहा, बॉक्साईट, चूना पत्थर, कोयला आदि की परियोजना के लिए 2 लाख रूपये और 5 हैक्टेयर तक खनिज वाली परियोजना के लिए 1 लाख रूप्ये , लघु खनिज जैसे-पत्थर और ग्रेफाइट आदि के 5 हैक्टेयर तक क्षेत्र के लिए 75 हजार रूप्ये और उससे अधिक क्षेत्र के लिए डेढ़ लाख रूप्ये की फीस रखी गई है।

सैल्फ डिक्लेयरेशन पर मिलेगी जुर्माने पर 50 प्रतिशत की छूट

उन्होंने जुर्माना के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए बताया कि एन्वायरमेंट क्लीयरेंस के उल्लंघन के मामलों में प्रोजेक्ट की कुल लागत का एक प्रतिशत भाग जुर्माना लगाया जा सकता है और यदि प्रोजेक्ट का मालिक सैल्फ डिक्लेयरेशन करता है तो जुर्माने की राशि आधी अर्थात् 50 प्रतिशत हो जाएगी। अथोरिटी की कार्यप्रणाली का विस्तार से उल्लेख करते हुए बताया कि एन्वायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट-1986 की धारा 3 के तहत सिआ अथोरिटी का गठन हर राज्य में किया जाता है। उसके नीचे एक स्टेट एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी के नाम से सब कमेटी भी काम करती है। हरियाणा में सिआ अथोरिटी का गठन पहली बार सन् 2008 में किया गया था और यह अथोरिटी मुख्य रूप से कन्सट्रक्शन, इंडस्ट्री , माइनिंग आदि से संबंधित प्रौजेक्ट के मामले में एन्वायरमेंट क्लीयरेंस देती है। उन्होंने बताया कि एन्वायरमेंट क्लीयरेंस के लिए कैटेगरी ए में रखे गए प्रोजेक्ट भारत सरकार के अधीन आते हैं जबकि कैटेगरी-बी के प्रोजेक्ट के मामले में हरियाणा सरकार द्वारा गठित सिआ अथोरिटी क्लीयरेंस देती है। उन्होंने बताया कि डेढ़ लाख स्क्वैयर मीटर से लेकर 50 हैक्टेयर तक के प्रोजेक्ट के लिए एन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसैसमेंट तथा एन्वायरमेंट मैनेजमेंट प्लान बनाना अनिवार्य होता है। अथोरिटी का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए निर्धारित है।

21फरवरी 2022 को अस्तित्व में आई नई सिआ अथोरिटी

संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए श्री सरो ने बताया कि वर्तमान अथोरिटी का गठन 21 फरवरी 2022 को किया गया था। इससे पहले वाली अथोरिटी का कार्यकाल 29 जनवरी 2022 को खत्म हो गया था। पिछली अथोरिटी को एन्वायरमेंट क्लीयरेंस से संबंधित 578 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से 316 प्रोजेक्टों को क्लीयरेंस दी गई। इनके अलावा, 43 प्रोजेक्ट को टर्म आफ रेफरेंस किया गया जबकि 80 आवेदनों को फाइल या डी-लिस्ट किया गया बाकि 60 लंबित आवेदन वर्तमान अथोरिटी को हस्तांतरित किए गए हैं।

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