-प्राचार्य पद की सीधी भर्ती में अनुचित लाभ लेने के लिए अजीत सिंह ने दिव्यांग कोटे में किया था आवेदन -स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त को दी थी शिकायत -भिवानी सिविल सर्जन कार्यालय से मिलीभगत कर बनवाया था दिव्यांग प्रमाण पत्र, आरोपी ने दिव्यांग भत्ता भी लिया भिवानी, 29 मार्च। गलत दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय के शिक्षा उपनिदेशक अजीत सिंह पर जांच का शिकंजा कस गया है। हरियाणा दिव्यांग जन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने आदेश दिया है कि आरोपी शिक्षा उपनिदेशक अजीत सिंह का चंडीगढ़ पीजीआई में विडियोग्राफी की निगरानी में चिकित्सकों के बोर्ड से पुन: मेडिकल कराया जाए। इससे पहले दिव्यांगजन आयुक्त ने अजीत सिंह को दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के सेक्शन 80 और 82 के तहत नोटिस देकर मामले में तलब किया था। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने मामले की शिकायत हरियाणा राज्य दिव्यांग जन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ के समक्ष की थी। शिकायतकर्ता ने भिवानी सिविल सर्जन कार्यालय से अजीत सिंह को जारी किए गए दिव्यांग प्रमाण पत्र से जुड़ी जानकारी मांगी थी,लेकिन सीएमओ ने इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। शिकायत में अजीत सिंह पर आरोप था कि उसने 30 जुलाई 1996 को राजकीय उच्च विद्यालय छपार राघढाण (तोशाम) में बतौर गणित अध्यापक के पद पर कार्यरत रहते हुए भिवानी सिविल सर्जन कार्यालय से गलत दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया था। विद्यालय में कार्य करते हुए इस प्रमाण पत्र के जरिए दिव्यांग भत्ता भी लिया। अजीत सिंह ने प्राचार्य पद के लिए 2002 में सीधी भर्ती के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग चंडीगढ़ में आवेदन दिव्यांग कोटे से किया था। जिसके सभी दस्तावेज भी संगठन के समक्ष आ चुके हैं। बृजपाल सिंह परमार ने सिविल सर्जन कार्यालय से भी सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत अजीत सिंह व अन्य को जारी दिव्यांग प्रमाण पत्र से जुड़ी जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में रिकार्ड ही गुम होने की बात कही गई। हरियाणा दिव्यांग जन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने भिवानी के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी और वर्तमान में पंचकूला मुख्यालय में शिक्षा उपनिदेशक अजीत सिंह द्वारा गलत दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के मामले को गंभीरता से लिया और दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर भिवानी सिविल सर्जन कार्यालय पर भी कड़ा रुख अख्तियार किया। दिव्यांग जन आयुक्त ने सिविल सर्जन कार्यालय भिवानी को आदेश दिया कि तुरंत प्रभाव से शिकायतकर्ता को इस संबंध में मांगे गए दस्तावेज ईमेल के जरिए उपलब्ध कराए जाए। इसी के साथ हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशक को आदेश दिया कि वर्तमान में आरोपी शिक्षा उपनिदेशक अजीत सिंह का चंडीगढ़ पीजीआई में विडियोग्राफी की निगरानी में चिकित्सकों के बोर्ड से पुन: मेडिकल कराया जाए। आयोग ने इस मामले में अगली सुनवाई 19 मई को निर्धारित की है, जबकि आरोपी शिक्षा उपनिदेशक की चंडीगढ़ पीजीआई में पुन: मेडिकल जांच की रिपोर्ट सुनवाई से एक सप्ताह पहले ही दिव्यांग जन आयुक्त के समक्ष भेजने के आदेश दिए हैं। दिव्यांग जन आयुक्त ने शिकायतकर्ता को भी इस प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेज और तथ्यों एवं गवाहों के साथ पेश होने के आदेश दिए। Post navigation मत्स्य पालन आय बढाने का बेहतर जरिया, सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं किसान : कृषि एवं मत्स्य मंत्री जेपी दलाल 450 करोड़ का घोटाला – राजनैतिक आकाओ और अफसरशाही के वरदहस्त से रच डाला गबन का चक्रव्यूह