सरकार को अब कश्मीरियों को पुनः विस्थापित करने का कार्य करना चाहिए : महंत बंशी पुरी।
विस्थापित कश्मीरी अशोक जड्डू ने भी अपना आंखो देखा हाल वर्णन किया।

कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र के मठ मंदिर अखाड़ों के पूज्य संत और पुरोहितों ने अपने सेवकों के साथ लगभग 350 की संख्या में आज शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में कुरुक्षेत्र के गलिटीज़ कैसल मॉल के हॉल में 1990 में कश्मीर के हिंदुओं पर हुए जघन्य अत्याचार व पलायन की आधी अधूरी कहानी के कुछ अंश दर्शाने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स देखने हेतु पहुंचे।

इस अवसर पर भारत साधुसमाज के प्रदेशाध्यक्ष एवं अनेकों मठ मंदिरों आश्रमों के परमाध्यक्ष महंत बंसीपुरी जी महाराज ने कहा कि जिस प्रकार से कश्मीरियों पर जुल्म हुए हैं सरकार को अब कश्मीरियों को पुनः विस्थापित करने का काम करना चाहिए।स्वामी अनूपगिरी ने कहा कि फ़िल्म में जिस प्रकार से दिखाया गया कि किस प्रकार से मस्जिदों से हिन्दू समाज के खिलाफ प्रचार होता था किंतु हमारे सनातन धर्म मे मंदिरों से कभी भी ऐसा दुष्प्रचार नही हुआ अब सरकार को हिन्दू धर्म बचाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। कश्मीर विस्थापित अशोक जाड्ड ने बताया कि फ़िल्म में जो दिखाया गया वो कश्मीरी जुल्मो का दस प्रतिशत भी नही है उनके जुल्मो को देखकर हमारी आंखों से खून के आंसू निकलते हैं हम उनके जुल्मो के चश्मदीद गवाह है।

इस अवसर पर पूज्य स्वामी महंत बंसी पुरी जी , रोशन पुरी, अनूप गिरी , स्वामी हरिओम दास परिवर्जक, महंत वासुदेवानंद गिरि , वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, महंत विशालमनी दास , महंत कृष्णा पुरी, महात्मा दिव्यानंद, महंत जगन्नाथ पुरी , कथावाचक सुखदेव आचार्य , पुजारी सुशील तिवारी, एम के मोदगिल, जयपाल शास्त्री, हरीश शर्मा, सुरेश जोशी, विजेंद्र कुमार ,ओम प्रकाश , राकेश मेहता, रमेश शास्त्री, योगेश दत्ता, प्रेम नारायण अवस्थी, राजेश अरोड़ा, पवन कुमार ,अजय कुमार, रोहित कुमार, चेतन शर्मा, राकेश कटवाड, राकेश आर्य, गुरुदेव, अनुज , अशोक जाड्डू कश्मीरी विस्थापित के अतिरिक्त भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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