सोने की 6 चेन, 1 देसी पिस्टल, 3 कारतूस बरामद

चंडीगढ़, 20 मार्च – हरियाणा पुलिस ने चेन स्नैचिंग की 5 दर्जन से अधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इसके चार सदस्यों को रेवाड़ी जिले से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 6 सोने की चेन, 1 देसी पिस्टल, 3 कारतूस, 2000 रुपए नकद और दो मोटरसाइकिल भी बरामद की हैं।

हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि गैंग मैंम्बर के खिलाफ रेवाड़ी, धारूहेड़ा और गुरुग्राम के विभिन्न थानों में चेन स्नेचिंग और लूट के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नूंह जिले के शिकारपुर गांव निवासी नसीम, भिवाड़ी (अलवर, राजस्थान) के गांव कारण्डा निवासी ईशुब उर्फ यूसुफ और सलीम तथा नूंह जिले के मंडोठा निवासी अंजुम उर्फ मोटा के रूप में हुई है।

प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने चेन स्नेचिंग की 60 वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया है। इनमें से रेवाड़ी में 21, धारूहेड़ा में 16 और गुरुग्राम में 25 से अधिक वारदातों को कबूल किया।

गिरफ्तार आरोपी पिछले दो साल से लगातार क्षेत्र में स्नैचिंग की घटनाओं को अंजाम देने में संलिप्त थे। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम का गठन किया गया था। लंबे समय से टीम आरोपियों के पीछे थी। हाल ही में पुलिस ने दो आरोपियों को धारूहेड़ा में संदेह के आधार पर रोका तो दोनों ने सीआईए जवानों को पहचान लिया और पिस्टल दिखाकर मौके से फरार हो गए। इस संबंध में मामला भी दर्ज किया गया था। रिमांड के दौरान आरोपियों से कई और वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है।

पूछताछ में पता चला कि आरोपी ईशुब उर्फ युसूफ 2020 में जेल से छूट कर आया था। आरोपी ईशुब के पास जब कोई काम नहीं था तो उसने अपने साथियों नसीम और सलीम के साथ मिलकर चेन स्नैचिंग करनी शुरू कर दी। आरोपी तोड़ी हुई चेन को अंजुम उर्फ मोटा को सौंप देते थे। अंजुम ही इन चैनों को आगे देकर बिक्री के पैसे लाकर देता था। उसने वारदात को अंजाम देने के आरोपियों को अपनी एक बाइक भी दे रखी थी। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि चेन किसको बेची और उन्हें बरामद करने का प्रयास किया जा रहा है।

पुलिस से बचने के लिए बदमाशों ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाए। हर घटना के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए बाइक का रंग टेप से बदल लेते थे। इतना ही नहीं फर्जी नंबर प्लेट लगाते थे। पूर्व में भी चेन स्नेचिंग के कई मामलों में आरोपी दोषी करार दिए जा चुके हैं और कई अन्य मामलों में जमानत पर चल रहे हैं।

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