सीएम खट्टर के ही निर्वाचन क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खेल की खुली पोल.
भाजपा जजपा गठबंधन सरकार की यह कैसी जीरो टोलरेंस पॉलिसी.
यदि कानून को ही अपना काम करना है तो सरकार फिर क्या करेगी.
अब कटघरे में आई सूबे की गठबंधन सरकार की कार्यप्रणाली व नीतियां

फतह सिंह उजाला

पटौदी । जब स्वयं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के अपने ही निर्वाचन क्षेत्र और गृह क्षेत्र में ही करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का भंडा फूट चुका है , तो पूरे हरियाणा में भ्रष्टाचार किस चरम पर होगा ? यह अपने आप में सवाल बनकर भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार से जवाब भी मांग रहा है। जिस प्रकार से एक के बाद एक करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार कथित रिश्वतखोरी व अन्य मामले सामने आ रहे हैं, तो ऐसा लगता है कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में भ्रष्टाचार अपनी पराकाष्ठा की गंगा तक पहुंच चुका है।  सरकार और सीएम भ्रष्टाचार तथा रिश्वतखोरी पर लगाम कसने में नाकाम ही साबित होते दिखाई दे रहे हैं । यह बात पटौदी के पूर्व एमएलए चौधरी भूपेंद्र सिंह के द्वारा सीएम सिटी करनाल में हाल ही में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने पर अपनी प्रतिक्रिया में कही गई है ।

उन्होंने कहां की हरियाणा के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देने वाले जिला गुरुग्राम में ही नगर निगम हो या अन्य संस्थान सभी जगह भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले निरंतर सामने आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि हरियाणा में सरकार नाम की कोई संस्था ही नहीं, जो कुछ भी खेल खेला जा रहा है कथित रूप से खिलाड़ी अधिकारी सत्तासीन नेताओं और मंत्रियों को अंधेरे में रख उनकी आंखों में धूल झोंक कर खेलते चले जा रहे हैं । ऐसा लगता है कि गठबंधन सरकार की जीरो टोलरेंस पॉलिसी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रशासन यह दोनों ही आजादी के अमृत महोत्सव पर्व की गंगा में बह गए हैं। जिनको कि अब तलाश करना संभव भी दिखाई नहीं दे रहा । पटौदी के पूर्व एमएलए चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा हैरानी उस समय होती है जब प्रदेश का मुखिया सीएम करोड़ों करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के मामलों में सीधी कार्रवाई करने के विपरीत यह कहे कि कानून अपना काम करेगा ।

उन्होंने सवाल किया जब कानून को ही काम करना है, तो फिर हरियाणा में गठबंधन सरकार और सरकार के मंत्री क्या कर रहे हैं ? सरेआम रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने पर भी आरोपी अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही नहीं किया जाना भी अपने आप ने सवाल बनता जा रहा है । पूर्व एमएलए चौधरी भूपेंद्र सिंह ने इस बात को लेकर भी हैरानी जाहिर की है कि सीएम के अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हो और इस बात की सीएम को भनक भी ना लगे ? ऐसे में सवाल उठता है की सरकार का खुफिया तंत्र और विभिन्न एजेंसियां क्या काम कर रही हैं । रिश्वत अथवा घूस लेते हुए अधिकारी रंगे हाथ पकड़े जा रहे हैं , फिर ऐसा क्या कारण और मजबूरी है कि लोगों के द्वारा चुनी गई सरकार के मंत्रियों के हाथ क्यों बंधे हुए हैं ? क्या भ्रष्टाचार में संलिप्त या फिर रंगे हाथ पकड़े गए कर्मचारियों अधिकारियों को अविलंब सेवा से बाहर नहीं कर देना चाहिए ! यह भी अपने आप में एक सवाल है।

पूर्व एमएलए चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा जब तक सरकार और सरकार के जिम्मेदार जवाबदेय मंत्री अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी में रंगे हाथ संलिप्त पाए जाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कठोर एक्शन नहीं लेंगे, तो ऐसे में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का खेल जैसे चल रहा है , चलता ही रहेगा । उन्होंने सवाल किया कि आखिर करोड़ों करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का खेल आखिरकार किसके इशारे और किसके संरक्षण में हो रहा है ? कम से कम प्रदेश की जनता को इस बात का तो पता होना चाहिए । या फिर जीरो टोलरेंस और भ्रष्टाचार मुक्त शासन, प्रशासन केवल मात्र भारतीय जनता पार्टी और सरकार का आम जनमानस को गुमराह किया जाने के लिए केवल मात्र एक नारा ही है।

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