सभी तहसीलदारों से पांच से आठ प्रतिशत कमीशन के रूप में पैसा सरकार के मंत्री द्वारा लिया जाता है बहादुरगढ़ का तहसीलदार प्रत्येक रजिस्ट्री के 300 से 500 रूपए प्रति गज के हिसाब से पैसे ले रहा है जिन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सस्पैंड किया गया था उनको बहाल क्यों किया गया मुख्यमंत्री नियम 7ए के मामलों की जांच 2010 से नहीं बल्कि 2000 में जब इनेलो की सरकार थी तब से लेकर अब तक करवाएं सदन में जांच का जो आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया है उसको पूरा करना चाहिए नहीं तो यह सदन की तौहीन होगी चंडीगढ़, 15 मार्च: इनेलो प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने मंगलवार को विधानसभा में रजिस्ट्री घोटाले के उपर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को सदन में पढ़ा। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वयं यह बात स्वीकार की है कि रजिस्ट्रियों में बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां हुई हैं। ताजा उदाहरण देते हुए कहा कि सोमवार को ही मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में एक तहसीलदार रजिस्ट्री घोटाले में पकड़ा गया है। उन्होंने भाजपा गठबंधन सरकार पर सीधा आरोप जड़ते हुए कहा कि रजिस्ट्रियों में जो भ्रष्टाचार हो रहा है वह सरकार स्वयं करवा रही है क्योंकि सभी तहसीलदारों से पांच से आठ प्रतिशत कमीशन के रूप में पैसा सरकार के मंत्री द्वारा लिया जाता है। बहादुरगढ़ का तहसीलदार प्रत्येक रजिस्ट्री के 300 से 500 रूपए प्रति गज के हिसाब से पैसे ले रहा है। उन्होंने सदन में कहा कि एक तहसीलदार को कई कई तहसीलों का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है और करोड़ों रूपए कमीशन के रूप में लिए जा रहे हैं। उन्होंने सदन में राजस्व मंत्री से पूछा कि तहसीलदारों को इतने बड़े स्तर पर अतिरिक्त कार्यभार क्यूं दिए गए हैं, क्या पर्याप्त तहसीलदार नहीं हैं, अगर हैं तो उनको स्वतंत्र कार्यभार क्यों नहीं दिया गया है। 2017 से 2021 के बीच करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, अम्बाला और हिसार मंडलों में 65 हजार रजिस्ट्रियों में गड़बडिय़ां पाई गई हैं। उन्होंने सदन में पूछा कि पिछले दिनों सरकार द्वारा रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी पर एक जांच एसीएस अधिकारी संजीव कौशल के नेतृत्व में करवाई गई थी जिसमें 300 लोग नामजद किए गए थे। उसमें 150 के लगभग तहसीलदार और नायब तहसीलदार शामिल हैं अब तक उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। जिन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सस्पैंड किया गया था उनको बहाल क्यों किया गया। कोरोना महामारी के दौर में नियम 7ए के तहत बिना एनओसी लिए रजिस्ट्रियां की गई जिसमें हजारों करोड़ रूपए का भ्रष्टाचार किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा सदन में 7ए के मामलों की जांच 2010 से अब तक करवाने का आश्वासन दिए जाने पर अभय सिंह चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री 2010 से नहीं बल्कि 2000 में जब इनेलो की सरकार थी तब से लेकर अब तक इसकी जांच करवाएं और जो सदन में आश्वासन दिया है उसे मुख्यमंत्री को पूरा करना चाहिए नहीं तो यह सदन की तौहीन होगी। उन्होंने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री ने उडार गगन के मामले में सदन में आश्वासन दिया था कि उसकी जांच सीबीआई से करवाएंगे लेकिन बाद में कोर्ट में सीबीआई की जांच को वापिस लेने का आवेदन कर दिया। Post navigation अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री खट्टर क्यों निष्पक्ष जांच से भाग रहे : प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही सीएम की विधानसभा में घोषणा 2010 से पहले की सभी रजिस्ट्रीयो की होगी जांच