हरियाणा गठन के बाद पहली बार लोकसभा की तर्ज पर इस प्रकार की व्यवस्था अपनाई गई

चण्डीगढ़, 14 मार्च -हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा वित्तमंत्री के रूप में 8 मार्च को विधानसभा में प्रस्तुत किए गये वर्ष 2022-23 के 1,77,255.99 करोड़ रुपये के बजट को 75 विधायकों की आठ तदर्थ कमेटियों ने डिमांड पर राय शुमारी कर अपनी रिपोर्ट सदन में आज सौंप दी है। हरियाणा गठन-1966 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब लोकसभा की तर्ज पर इस प्रकार की व्यवस्था अपनाई गई है ।

मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत किए गये अपने 2.25 घण्टे के बजट अभिभाषण पर चार दिन तक इन कमेटियों द्वारा मंथन किया गया है। कमेटी-1, जो विधानसभा, राज्यपाल, मंत्रीपरिषद, सामान्य प्रशासन, गृह, स्वास्थ्य, न्याय प्रशासन व कारागार से सम्बन्धित है। इस कमेटी में पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सहित पूर्व में नेता प्रतिपक्ष रहे अभय सिंह चौटाला व आठ और विधायक थे, जिन्होंने अपनी राय दी है।

मुख्यमंत्री ने अपने बजट का 15वें वित्त आयोग के मानदण्डों के भीतर सीमित रखकर एक ओर जहां अच्छे वित्तमंत्री होने का परिचय दिया है, वहीं दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र द्वारा राज्यों के लिए निर्धारित वर्ष 2030 तक के सतत विकास लक्ष्यों में से 17 लक्ष्यों की कल्याणकारी एवं विकास योजनाओं पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया है। इन लक्ष्यों में गरीबी उन्मूलन के लिए 4841.77 करोड़ रुपये, अच्छी सेहत एवं सुलभ जीवन के लिए 8047.54 करोड़ रुपये, गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए 18570.18 करोड़ रुपये, लिंग समानता 1884.54, शुद्ध जल एवं स्वच्छता के लिए 7500.08 करोड़ रुपये, किफायती एवं ग्रीन उर्जा के लिए 8853.65 करोड़ रुपये, प्रतिष्ठि कार्य एवं आर्थिक विकास के लिए 7224.56 करोड़ रुपये आबंटित किए हैं।

इसी प्रकार, उद्योग, नवाचार एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 9838.51 करोड़ रुपये, असामानता में कमी लाने के लिए 8811.39 करोड़ रुपये, सतत शहर तथा सामुदायिकतता के लिए 3241.13 करोड़ रुपये, खपत एवं उत्पादन उत्तरदायित्व के लिए 770.50 करोड़ रुपये, जलवायु परिवर्तन के कार्य के लिए 2175.09 करोड़ रुपये, पृथ्वी पर जीवन के लिए 1104.04 करोड़ रुपये, शांति, न्याय एवं सुदृढ़ संस्थानों के लिए 10842.23 करोड़ रुपये तथा लक्ष्यों में सहभागिदारिता के लिए 5.90 करोड़ रुपये के आबंटन का प्रावधान किया है। इतना ही नहीं, वर्ष 2021-22 के संशोधित अनुमानों में मुख्यमंत्री ने 96857.68 करोड़ रुपये आबंटन का प्रावधान किया था, जिसमें चालू वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि करते हुए 1,14,444.77 करोड़ रुपये किया है, जो कुल बजट 1,77,255.99 करोड़ रुपये का 64.56 प्रतिशत है।

वित्तमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री ने जहां कल्याणकारी एवं विकासकारी परियोजनाओं के लिए भरपूर बजट आबंटन किया है तो वहीं दूसरी ओर राज्य की उधार एवं अन्य देनदारियों के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान कर एक मितव्ययी अर्थशास्त्री का परिचय भी दिया है। वर्ष 2022-23 के 29618.32 करोड़ रुपये की देनदारियों का बजट अनुमान में आबंटन किया है, जो गत वर्ष के संशोधित अनुमानों में 26754.23 करोड़ रुपये था। वर्ष 2020-21 में मुख्यमंत्री ने वास्तविक देनदारियां 25134.07 करोड़ रुपये की अदायगी करने का प्रावधान किया था।

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