अवैध खनन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा विधानसभा में क्या बोले ………

चण्डीगढ़, 14 मार्च -हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान भिवानी जिले के डाडम क्षेत्र में अवैध खनन पर लाए गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर स्पष्ट किया कि इस मामले की जांच तीन एजेंसियों द्वारा की जा रही है और अंतिम रिपोर्ट आने तक इंतजार करना होगा। अगर आवश्यक हुआ तो सरकार बड़ी से बड़ी एजेंसी से निश्चित जांच करवाने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि एनजीटी के जस्टिस श्री प्रीतम पाल, खनन सुरक्षा समिति तथा भिवानी के उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच कमेटी इस मामले की जांच कर रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल इस मामले की सीबीआई जैसी एजेंसी से जांच करवाने की आवश्यकता नहीं है।

मूलचंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा राज्य में संगठित अवैध खनन का कोई मामला नहीं

हरियाणा के परिवहन एवं खनन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा राज्य में संगठित अवैध खनन का कोई मामला नहीं पाया गया है, हालांकि खनिजों की चोरी की छिटपुट घटनाएं संज्ञान में आती हैं जिन्हें कानून के अनुसार निपटाया जा रहा है। इस तरह की घटनाओं सहित अन्य पड़ोसी राज्यों से बिना वैध सहायक दस्तावेजों के (अर्थात वैध बिल/सोल पर्ची के बिना) खनिजों के परिवहन के मामले भी खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) के अधिनियम, 1957 की धारा 21 ( 5 ) के प्रावधानों के अनुसार जुर्माना लगाकर निपटाए जाते हैं।श्री मूलचंद शर्मा आज विधानसभा में प्रश्नों के उत्तर दे रहे थे।

हरियाणा सरकार ने अवैध खनन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति चुनी है तथा संबंधित जिले में अवैध खनन की किसी भी घटना पर नजर रखने / रोकने और इस संबंध में न्यायालयों के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिला उपायुक्तों की अध्यक्षता में जिलास्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स में सदस्यों के रूप में पुलिस अधीक्षक और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। इन कार्यबलों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक अन्य राज्य स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा की जाती है।

राज्य सरकार द्वारा पुलिस की 2 विशेष प्रवर्तन टीमें भी गठित की गई हैं जो खनन अधिकारियों के साथ कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त अवैध खनन में लिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ एफआईआर आज भी दर्ज की जा रही हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2020 वाहन पकड़े गए, 21.65 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया और 211 एफआईआर दर्ज की गई। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में 3515 वाहन पकड़े गए, 82.77 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया और 539 एफआईआर दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2021-22 में 2192 वाहन पकड़े गए, 29.40 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया और 977 एफआईआर दर्ज की गई।

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