–राजकुमार अरोड़ा गाइड अब तक कुछ दिन से यूक्रेन रूस युद्ध की चर्चा थी,आज सिर्फ डबल इंजिन की धूम! चार राज्यों में फिर से भाजपा सरकार! 37 साल बाद उत्तरप्रदेश में कोई सरकार दोबारा आई है!योगी के बुलडोजर के लोग कायल हो गये! बीजेपी को थोड़ी अपनी कट्टर छवि को त्याग,सर्वग्राही बनाना होगा! पंजाब में आप का धूम धड़ाका! वहाँ तो, झाड़ू चलनी थी,वैक्यूम क्लीनर ही चला दिया! वर्तमान व पूर्व सारे मुख्यमंत्री हार गये!137 साल पुरानी कांग्रेस अब क्षेत्रीय दल भी मुश्किल से रह जायेगी! हर बार चुनावों में कोई राज्य सरकार चली जाती हैं,जीत भी जाएं तो जोड़ तोड़ से बीजेपी हथिया लेती है!गोआ,मध्यप्रदेश में यही हुआ!वो लड़की प्राण फूंकने गई थी, पार्टी ही फूंक कर आ गई!जितने चरणों में उत्तरप्रदेश में चुनाव हुए उतनी सीटें भी नहीं आईं! मात्र दो!अब बताओ कांग्रेस का क्या हो? यदि गाँधी परिवार से कांग्रेस मुक्त न हुई तो ये देश कांग्रेस मुक्त जरूर हो जायेगा! अब तो कांग्रेस को चिन्तन व मन्थन करना ही होगा! किसान आंदोलन का तो पश्चिमी उत्तरप्रदेश में भी फर्क नज़र नहीं आया! पंजाब में जरूर फर्क नज़र आया! कांग्रेस से भी लोग काफी नाराज थे!दलित कार्ड भी नहीं चला! अब आम आदमी पार्टी के लिये परीक्षा की घड़ी है,कठिन चुनौती है,वादों पर खरा उतरना होगा! सीमान्त राज्य है,फूँक फूँक कर कदम रखना होगा! सिर्फ मुफ्त की राजनीति नहीं,कर्मनीति भी दिखानी होगी! इस चुनाव से 2024 के लोकसभा चुनावों पर बहुत असर पड़ेगा! राजस्थान व कुछ राज्यों में चुनाव हैं! कांग्रेस का ये गढ़ भी ढह सकता है! बीजेपी धन व सँख्या बल में बहुत आगे है! आम आदमी पार्टी काआत्मविश्वास बढ़ा है,इसे सही से बरकरार रखते हुए धीरे धीरे आगे बढ़ना होगा,वो हरियाणा,राजस्थान व अन्य कई जगह कदम बढ़ा सकती है! आम आदमी का जुड़ाव है,चरणजीत चन्नी को मोबाइल की दुकान पर काम करने वाले वर्कर ने हराया! लोकतांत्रिक देश में विपक्ष का मज़बूत होना भी बहुत जरूरी है! प्रचण्ड बहुमत भी तानाशाही को जन्म देता है,अति आत्मविश्वास से भरे मोदी जी चुनाव प्रचार व संसद में मर्यादा का अतिक्रमण कर जाते हैं! जनता की ताकत तो राजनीतिक पार्टियां देख ही रहीं हैं! पंजाब में बड़े बड़े सुरमा धराशायी हो गये,उत्तराखण्ड में सरकार तो बीजेपी की बन गई पर मुख्यमंत्री हार गए! गोआ व मणिपुर जैसे छोटे राज्यों में बीजेपी आ ही गई! लोग भी महसूस करते हैं,केंद्र व राज्य में एक सरकार हो तो समन्वय भी रहता है,आपसी समझ से विकास की गति भी बढ़ती है! सबका साथ,सबका विकास के साथ साथ विश्वास भीबहुत जरूरी है! भारत में औसत मतदान 55 से 60 प्रतिशत ही रहता है! 40 से 45 प्रतिशत तो वोट का प्रयोग ही नहीं करते! 30-35 प्रतिशत वोट वाले सरकार बना लेते हैं!लोकतंत्र में सँख्या का महत्व है,बाकी तो हारने के बाद दिल बहलाने व चर्चा का विषय बना रहता है! ये उम्मीद करना तो हर भारतवासी के लिये जायज हैं कि जब वो सरकार को विभिन्न रूपों में टैक्स देता है,तो एक कल्याण कारी राज्य व राष्ट्र होते हुए पूरी जनता के हितों का ध्यान रखना तो सरकार का कर्तव्य है और ये चाहत जनता का अधिकार! जनता तो जनता है,तख्त भी यही दिलाती है और तख्ते पर भी यही पहुंचाती है! सरकार चाहे कोई भी हो,गरूर में न रह कर,जनता के लिये जरूर काम करे,यही लोकतंत्र की विजय है,उस आस्था की विजय है,जिसे मन में सँजोये, आम जनता अपना भाग्य इन सभी कर्णधारों को सौंप देती है,इस पर खरा उतरना हर सरकार का दायित्व है! Post navigation उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव-2022……चुनावी नतीजे, एग्जिट पोल एग्जेक्ट, मेरा आकलन गलत चुनावी हार से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा जरूर है, पर वे हताश न हो : विद्रोही