हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो की भ्रष्टाचारियों पर बड़ी कार्रवाई

बिल्डिंग इंस्पेक्टर 5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, शोरूम का नक्शा पास करने के लिए मांगी थी घूस
दो अन्य मामलों में ईएसआई व एएसआई को भी किया काबू

चण्डीगढ़, 8 मार्च – हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचारियों पर लगातार की जा रही कार्रवाई के तहत जिला पलवल में 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते करते हुए एक बिल्डिंग इंस्पेक्टर को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है।

विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यहां इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि नगर परिषद पलवल में में तैनात बिल्डिंग इंस्पेक्टर चमन लाल तेवतिया को दलीप बिंदल की शिकायत पर रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। बिल्डिंग इंस्पेक्टर ने एक शोरूम का नक्शा पास करने की एवज में 10 लाख रुपये की मांग की थी।

10 लाख की थी डिमांड, 5 लाख में जताई सहमति
बाद में आरोपित इंस्पेक्टर ने नक्शा कराने के एवज में 5 लाख रुपये लेने पर सहमति बनी। शिकायतकर्ता, जो रिश्वत नहीं देना चाहता था, ने विजिलेंस ब्यूरो से संपर्क किया। विजिलेंस टीम ने उसकी जानकारी की पुष्टि के बाद रेड करते हुए मौके पर ही बिल्डिंग इंस्पेक्टर को स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में शिकायतकर्ता से 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

50000 लेते ईएसआई काबू
रिश्वतखोरी के एक अन्य मामले में, ब्यूरो ने ईएसआई देवेंद्र सिंह को नारनौल जिले में 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ काबू किया। इकोनॉमी सेल प्रभारी, नारनौल के पद पर तैनात यह पुलिसकर्मी एक मामले में दर्ज एफआईआर से कुछ नाम हटाने के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था। शिकायत के बाद विजिलेंस ने जाल बिछाकर आरोपी ईएसआई को 50 हजार रुपए नकद लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया।

एएसआई को 10000 की रिश्वत लेते दबोचा
एक अन्य मामले में थाना बुरिया, यमुनानगर में तैनात सहायक सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) अनिल कुमार को वार्ड नंबर 4 मोहल्ला पंचोलियान, बुरिया के कृष्ण लाल की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो में दी शिकायत में एएसआई पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिकायतकर्ता के खिलाफ दर्ज मामले में एएसआई समझौता के लिए 10,000 रुपये की मांग कर रहा था। उसकी शिकायत की पुष्टि के बाद विजिलेंस टीम ने रेड करते हुए आरोपी एएसआई को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

प्रवक्ता ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ ब्यूरो के संबंधित थानों में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।

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