आज जरूरत है कि हमारी कथनी-करनी एक हो। महिला सम्मान घर से ही शुरू होना चाहिए।
भारतीय सभ्यता-संस्कृति में महिलाओं को मातृशक्ति का दर्जा सदियों से मिलता रहा है, किन्तु जमीनी धरातल पर महिलाओं को देश में वह सम्मान व भागीदारी नही मिल रही है जिसकी वे हकदार है।

8 मार्च 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने विश्व महिला दिवस पर महिलाओं को हार्दिक बधाई देते हुए उन्ह सादर प्रणाम किया। विद्रोही ने कहा कि भारतीय सभ्यता-संस्कृति में महिलाओं को मातृशक्ति का दर्जा सदियों से मिलता रहा है, किन्तु जमीनी धरातल पर महिलाओं को देश में वह सम्मान व भागीदारी नही मिल रही है जिसकी वे हकदार है। कटु सत्य यही है कि देश में लिंग भेद भी है व भू्रण हत्याएं भी हो रही है। महिलाओं के प्रति अपराध व छेडछाड़ की घटनाएं बढ़ रही है। आज महिला दिवस पर देश-प्रदेश के सभी पुरूषों को आत्मविश्लेषण करके महिला सम्मान व अस्मिता की रक्षा करने की शपथ लेते हुए हर क्षेत्र में उन्ह समान भागीदारी देने का संकल्प लेना चाहिए। 

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा में महिला अपराध इस कदर बढ़ चुका है कि बच्चियों से रेप मामले में हरियाणा देश की रेप राजधानी बन चुका है। वहीं महिला अपराधों में रिकार्ड तोड़ वृद्धि हो रही है। पिछले 8 सालों में हरियाणा में 10263 रेप व 1428 गैंगरेप की घटनाएं हुई जिसमें केवल 896 अर्थात 9 प्रतिशत मामलों में ही सजा हो पाई है। वहीं वर्ष 2021 में 1746 रेप व गैंगरेप की घटनाएं हुई जो बताती कि पिछले 8 सालों में हरियाणा में महिलाओं के साथ रेप व गैंगरेप की घटनाएं बढ़ रही है व अपराधियों को सजा दिलवाने के केसों में कमी आ रही है जो बताता है कि हरियाणा में महिलाएं सुरक्षित नही है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का राग अलापकर ही महिला सम्मान व अस्मिता की रक्षा नही हो सकती है और न ही उन्हे हर क्षेत्र में समान भागीदारी मिल सकती है।

आज जरूरत है कि हमारी कथनी-करनी एक हो। महिला सम्मान घर से ही शुरू होना चाहिए। हम अपनी बहन-बेटियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ानेे का प्रोत्साहन दे और उनकी निजी स्वतत्रंता का सम्मान करे। विद्रोही ने देश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से अपील की कि वे लोकसभा चुनावों में सार्वजनिक संकल्प दोहराये कि चुनाव बाद होने वाली लोकसभा की पहली बैठक में ही वे महिला आरक्षण बिल पास करके सही अर्थो में महिलाओं को समान भागीदारी की कारगर शुरूआत करेगे। 

विद्रोही ने कहा कि विभिन्न भाजपा शासित राज्यों में महिला रेप, गैंगरेप, अपराध व यौन शोषण की घटनाएं ही नही बढ़ रही है अपितु इन अधिकांश घटनाओं में भाजपाई-संघी नेता क्या तो सीधे संलिप्त है या अपराधियों को सत्ता बल पर खुलेआम सरंक्षण दे रहे है। आश्चर्य है कि भाजपा के जिन चुने हुए विधायकों व सांसदों पर रेप के आरोप भी लगते है, भाजपा नेतृत्व ऐसे नेताओं के विरूद्ध कार्यवाही करना तो दूर उन्हे पार्टी से निलिम्बित तक नही करते। सत्ता बल पर सरंक्षण देते है और केवल कोर्ट के डंडे के बाद भी ऐसे नेताओं पर कार्रवाई हो पाती है। जब संघी राज में इस तरह रेप-गैंगरेप करने वालों को सत्ता का सरंक्षण मिलेगा तो हर वर्ष 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर महिला रक्षा, अस्मिता व गरिमा के नाम पर बड़े-बडे दावे करने का औचित्य क्या रह जाता है।

प्रधानमंत्री मोदीजी महिलाओं के अधिकार के प्र्िरत कितने गंभीर व ईमानदार है, वह इसी से पता चलता है कि विगत दो लोकसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत मिलने के बाद भी वर्षो से लोकसभा में अटके पड़े महिला आरक्षण कानून को पारित नही करवा रहे जबकि यह कानून राज्यसभा में कांग्रेस-यूपीए सरकार में पास हो चुका है। मोदी-भाजपा का यह आचरण बताता है कि वे महिला अस्मिता व रक्षा के नाम केवल घडियाली आंसू बहाते है। विद्रोही ने लोगों से अपील की कि वे सभी बहन-बेटियों के सम्मान व अस्मिता की उसी प्रतिबद्धता से रक्षा करे जिस प्रकार वे अपनी खुद की बहन-बेटियों की रक्षा करते है।