धर्मपाल वर्मा

चंडीगढ़ – बयान और हालात यह है कि जब 5 फरवरी 2022 को जब गांव कवाली जिला सोनीपत के चौ रणबीर सिंह की बेटी सोनिया के साथ कोई दुर्घटना होने की खबर परिवार को मिली तो सबका कहना और मानना यह था कि, जिसका डर था वही बात हो गई। जरूर उसके पति जितेंद्र उर्फ जीतू ने अपने भाई नरेंद्र उसकी भाभी और नरेंद्र की पत्नी रितु और अपनी बहन से साजिश कर योजना बनाकर नहर में डुबो कर उसकी हत्या कर दी है। कोई व्यक्ति बार-बार मरने और मारने का तरीका नहर में डुबोना बताता हो और उसके साथ वहीं घटना हो जाए तो यह संयोग नहीं कहा जा सकता ।मौके पर सारे सबूत यह बता रहे हैं कि यह दुर्घटना नहीं योजनाबद्ध तरीके से की गई हत्या है। सोनिया की 10 साल पहले परढाना जिला पानीपत के जितेंद्र उर्फ जीतू से शादी हुई थी। उनके दो बच्चे प्रिंस और खुशी है।

जितेंद्र उर्फ जीतू के घर के हालात यह थे कि वह अपनी पत्नी की बुरी तरह से उपेक्षा करता था। अपने दोनों बच्चों को मां की बजाए अपनी भाभी के पास रखता था अपने भाई भाभी और बहन की बात इसलिए मानता था कि वह उसे अपने स्वार्थ में हर गलत बात पर सपोर्ट करते थे। सारा परिवार इस विचार पर काम करता दिखता था कि सोनिया को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया जाए। इस सिलसिले में कई बार पंचायतें हुई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।। सोनिया द्वारा एक डायरी लिखी गई जो पुलिस को सुपुर्द कर दी गई है। जितेंद्र के कई दूसरी औरतों के साथ अवैध संबंध थे यह बात उसने कई बार स्वीकार की गलती मानी परंतु आदतों से बाज नहीं आया।

5 फरवरी की घटना पर मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले में सोनिया के भाई सुधीर ने डीएसपी समालखा, एसपी पानीपत, एडीजीपी क्राईम हरियाणा, आईजी रोहतक, हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज से व्यक्तिगत गुहार कर न्याय की मांग की है परंतु ऐसा लगता है कि संबंधित पुलिस अधिकारी इस मामले को कोई दूसरा रूप देने की योजना पर काम कर रहे हैं और जांच सही तरीके से करने की बजाय ऐसी कोशिश में लगे हैं कि सारा मामला रफा-दफा हो जाए।

इस बात के बहुत सबूत है कि सोनिया की हत्या की गई परंतु पुलिस हत्या और साजिश का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है बल्कि मुद्ई पर समझौता करने का दबाव डाला जा रहा है और यह साबित करने की कोशिश हो रही है कि शायद यह एक दुर्घटना ही है परंतु शायद पुलिस यह जानने की कोशिश जान बूझकर नहीं कर रही है कि गाड़ी चला रहा जितेंद्र क्यों और कैसे बच गया और सोनिया क्यों डूब गई और यदि यह दुर्घटना थी तो मौके पर कार पर खरोच तक क्यों नहीं पाई गई और अब समालखा थाने में खड़ी कार को किसने तोड़ दिया और क्यों तोड़ दिया। दोनों हालातों के सबूत मौजूद है। घटना के दिन और बाद की परिस्थितियां यह साबित कर रही है कि मुलजिम पुलिस के साथ साजबाज हैं और इसीलिए पुलिस कानूनी कार्रवाई करने की बजाय समझौता कराने में रुचि ले रही है।

मुद्दई पुलिस को सारे सबूत ,जैसे जितेंद्र की वह ऑडियो रिकॉर्डिंग जिसमें वह नहर में डुबोकर मारने की बात करता है ,भी पुलिस को दे दी गई है ।सोनिया की डायरी जिसमें उसने अपनी आपबीती और आशंकाएं व्यक्त की है ,भी डीएसपी समालखा को सौंप दी गई है ।क्रेन से गाड़ी निकालने के समय की गाड़ी की वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटो पुलिस को दे दिए गए हैं परंतु ऐसा लगता है कि पुलिस इस मामले में कार्रवाई नहीं करना चाहती। पुलिस की उदासीनता न केवल चिंताजनक और अन्याय पूर्ण है इसलिए सरकार से मांग है कि चारों नामजद आरोपियों को फौरन गिरफ्तार किया जाए और पीड़ित परिवार को न्याय प्रदान किया जाए। बता दें कि परिवार को बाद में पता चला कि आरोपी जितेंद्र ने एक ट्रैक्टर और एक कार कार लोन भी पूर्व योजना के तहत खुद के नाम नहीं बल्कि सोनिया के नाम जानबूझकर ले रखा है। इससे प्रतीत होता है कि यह योजना उसके दिमाग में बहुत पहले से थी। उसने सोनिया का कोई बीमा वगैरह भी करा रखा है या नहीं इसकी अभी जानकारी नहीं मिली है। पुलिस के लिए यह भी जांच का विषय है।

पुलिस की उदासीनता न केवल चिंताजनक और अन्याय पूर्ण है बल्कि दुर्गा दुर्भाग्यपूर्ण भी है।इसलिए सरकार से मांग है कि चारों नामजद आरोपियों को फौरन गिरफ्तार किया जाए और पीड़ित परिवार को न्याय प्रदान किया जाए।

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