कई केसों पर जांच जारी, आपराधिक मामले दर्ज करने की भी करी सिफारिश चंडीगढ़, 25 फरवरी – हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो ने इस साल जनवरी में तीन राजपत्रित अधिकारियों सहित नौ सरकारी कर्मचारियों को 1500 रुपये से 50,000 रुपये तक की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। रिश्वत लेने वालों में आबकारी एवं कराधान विभाग का बड़ा अधिकारी, सतनाली का नायब तहसीलदार, पानीपत का जिला उद्यान अधिकारी व सोनीपत का माइनिंग अफसर शामिल है। विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस अवधि में ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सात मामले दर्ज कर लोक निर्माण (भवन एवं सड़क) विभाग के एक सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता सहित कुल 11 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की। जहां 9 आरोपियों को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया, वहीं कोर्ट के आदेश पर रोहतक के मुख्य अभियंता (सेवानिवृत्त) धर्मबीर दहिया और सिद्धांत दहिया के खिलाफ पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इनकों रिश्वत लेते पकड़ाजनवरी में की गई गिरफ्तारियों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जहां बहादुरगढ़ में तैनात उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त राजा राम नैन को 50000 रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया, वहीं पानीपत में तैनात जिला उद्यान अधिकारी महावीर शर्मा को सरकारी कार्य करने की एवज में 30000 रुपये रिश्वत लेते काबू किया गया। इसी प्रकार, सतनाली जिला नारनौल के नायब तहसीलदार अमित कुमार और सोमबीर सिंह, रजिस्ट्री क्लर्क को 14000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। जिला फरीदाबाद के गांव धौज में बलजीत, पटवारी तथा पटवारी के सहायक ईश्वर को 1500 रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया। खनन एवं भूविज्ञान विभाग, सोनीपत में गार्ड के पद पर तैनात ललित और खनन अधिकारी अशोक कुमार 8500 रुपये की रिश्वत लेते विजिलेंस के शिकंजे में आए। बिजली बोर्ड निसिंग करनाल में कनिष्ठ अभियंता अमित कुमार को 5000 रुपये की रिश्वत लेते धरा गया। प्रवक्ता ने आगे बताया कि ब्यूरो ने राज्य सरकार के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए 1 राजपत्रित अधिकारी, 1 अराजपत्रित अधिकारी और 4 निजी व्यक्तियों के खिलाफ 5 जांच दर्ज की है जिनमें से तीन जांच का निपटान किया जा चुका है। पूर्ण हुई तीन जांच में से, ब्यूरो ने सरकार को 7 राजपत्रित अधिकारियों, 7 अराजपत्रित अधिकारियों और 3 निजी व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की सिफारिश की है। जनवरी में ब्यूरो ने दो विशेष व तकनीकी जांच की रिपोर्ट भी सरकार को प्रेषित की, जिसमें तीन राजपत्रित अधिकारियों, एक अराजपत्रित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश करते हुए संबंधित एजेंसी से 15750 रुपये की रिकवरी करने की सिफारिश की गई। Post navigation युक्रेन युद्ध के नाम पर वोट मांगने वाली बीजेपी को समझ लेना चाहिए की देश मजबुत है, बीजेपी कमजोर है : सुनीता वर्मा पुरानी पेंशन बहाली तक आंदोलन जारी रहेगा: सांझा मोर्चा