रुस और युक्रेन में चल रहे तनाव और युद्ध के माहौल में भारत को गुट निरपेक्षता की विदेश नीति पर चलते हुए शांति बनाने का कार्य करना चाहिए

25/2/2022 :- ‘बीजेपी हमेशा आपदा में अवसर तलाशती हैं, कभी पुलवामा के नाम पर तो कभी वैक्सीन और लाभार्थी के नाम पर और अब रुस – युक्रेन में छिड़ी जंग के नाम पर। मगर इन्होनें चुनाव में कभी यह नहीं कहा की हमें हमारे 8साल के काम पर वोट दें। यह एक कमजोर और नाकाम सरकार ही कर सकती है। बीजेपी हमेशा राष्ट्रवाद की आड़ में छुप कर जनता की भावनाओं से खेलती है।’ उक्त बातें हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही, उन्होनें कहा की देश मजबूत है और भाजपा कमजोर है, यूपी में युद्ध के नाम पर देश को मजबूत करने के लिए वोट मांग रहे देश के पीएम को ये बात समझ लेनी चाहिए, असल में देश कभी कमजोर था ही नहीं।

वर्मा ने कहा कि विश्व में तथाकथित डंका बजाने का दावा करने वाली सत्ता ने यूक्रेन में फँसे भारतीय छात्रों की मदद करने की जगह उनको बेहाल छोड़ दिया है। शायद इन चुनावजिवियों के लिए चुनाव ज्यादा जरूरी है। उन्होनें कहा की सरकार को यूक्रेन से बच्चों को लाने का काफी समय था। सारी स्थिति का पता होते हुए भी लापरवाही बरती गई आखिर इस लापरवाही की जवाबदेही किसकी?

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि यूक्रेन में फँसे सभी भारतीय प्रवासियों और स्टूडेंट्स को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर तत्काल सक्रिय हो, क्योंकि परिवारवाले यूक्रेन में पढ़ रहे अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए बहुत चिंतित हैं इसलिए भारत सरकार तुरंत अपना दायित्व निभाए।

प्रेस के नाम जारी पत्र मेँ उन्होनें कहा कि राम को लाने की डिंग हाँकने वाले बड़बोले लोग युक्रेन मेँ फंसे अपने नागरिकों को नही ला पा रहे, अजीब विडम्बना है की देश के पीएम के पास अपना पर्सनल जहाज है लेकिन जंग में फंसे नागरिकों को बचाने के लिए एक एयरलाईन नहीं है। उन्होनें कहा कि डॉo बनने का सपना लेकर यूक्रेन गये विद्यार्थियों और उनके माँ बाप को तो समझ आ गया होगा कि निजीकरण के क्या-क्या लाभ हैं। संकट में 23 हजार की जगह 55 हजार किराया माँगा जा रहा है प्राइवेट हुई एयरलाईन द्वारा, अब जल्दी ही अंधभक्तों को भी निजीकरण के दुष्परिणाम समझ आ जायेंगें।

वर्मा ने कहा कि युक्रेन में फंसे सभी छात्र मध्यम वर्ग के परिवारों के बच्चे हैं जो की भारत से सस्ती एमबीबीएस होने के कारण वहां गए थे। उन्होने कहा की इसलिए भारतीय छात्रों को लाने के लिए उनसे अतिरिक्त भाड़ा वसूलने की घटना दुखद है। यह ज़िम्मेदारी सरकार की थी। लेकिन सब कुछ निजी हाथों में बेचकर सरकार ने अपने हाथ-पाँव कटवा लिए हैं।

कांग्रेस नेत्री ने कहा कि युक्रेन में हो रहे तनाव और युद्ध के अंदर भारत को गुट निरपेक्षता की विदेश नीति पर चलते हुए शांति बनाने का कार्य करना चाहिए।

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