पंचकूला 24 फरवरी- हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा के लिए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज दोषी हैं और साढ़े सात साल बीत जाने के पश्चात भी प्रदेश में डाक्टरों और विशेषज्ञों की कमी को पूरा नहीं कर पाए हैं और यही कारण है कि ग्रामीण डाक्टरों की भारी कमी है और एक ज़िले में तो ग्रामीणों ने डाक्टर के न आने से डिस्पैंसरी पर ताला जड़ दिया। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी विचित्र बात और क्या हो सकती है कि आज 7 साल से अधिक लगातार स्वास्थ्य मंत्री रहने के बावजूद भी विज साहब कह रहे हैं कि रोहतक स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थान में, अनुसंधान ‌की और कभी ध्यान ही नहीं दिया गया। आज स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश में ऐसा स्वास्थ्य ढांचा तैयार करने की बात कर रहे हैं कि एक भी हरियाणवी को इलाज के लिए बाहर ना जाना पड़े।

चन्द्र मोहन ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में प्रदेश में चार मैडीकल कालेज बनाने के साथ साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली की एक शाखा का संचालन जिला झज्जर में शुरू करवाने के साथ-साथ रोहतक में मैडीकल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। उन्होंने याद दिलाया कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में प्रत्येक जिले में एक मैडीकल कालेज बनाने का वायदा किया था लेकिन 7 साल बीतने के पश्चात् कितने जिलों में मैडीकल कालेज बनाए गए हैं , क्या इसका विवरण स्वास्थ्य मंत्री विज साहब जनता को देने का कष्ट करेंगे।

उन्होंने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र करनाल में बनाईं जा रही मैडीकल यूनिवर्सिटी 7 साल बीतने के बाद भी आज तक पूरी नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि पंचकूला हरियाणा का विकसित होता हुआ एक शहर है और सबसे बड़ी विडंबना यह है कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में इस जिले में कोई विशेष प्रगति नहीं हो पाई है। आज इस जिले को एक सर्वोत्तम स्तर का मैडीकल कालेज खोलने की जरूरत है, लेकिन बार बार आग्रह करने के बावजूद भी इस दिशा में सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

चन्द्र मोहन ने स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि इस जिले 500 बिस्तरों वाले सरकारी मैडीकल कालेज के स्थापना की जाए। ताकि यहां के मरीजों को प्रदेश से बाहर चण्डीगढ़ न जाना पड़े।उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य ढांचा तैयार करने के लिए बजट के साथ साथ सभी क्षेत्रों की मांगों का ध्यान रखते हुए एक प्रकार का सन्तुलन बनाए रखना परमावश्यक है तभी स्वास्थ्य मंत्री अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सफल हो सकते हैं अन्यथा स्वास्थ्य मंत्री को भी अपना ईलाज करवाने के लिए अम्बाला की जगह मोहाली या गुरुग्राम के प्राईवेट अस्पताल मे जाना पड़ेगा।