23 फरवरी 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर सरकार ने नगर निकाय क्षेत्र में मकान बनाने के लिए नक्शा पास करवाने के लिए जाने वाले विकास शुल्क को कलैक्टर रेट राशी के 5 प्रतिशत करने के निर्णय से आमजन को लूटने की ऐसी नीति बना दी जिससे गरीबों पर हमेशा के लिए आर्थिक बोझ बढने का रास्ता खुल गया है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा खट्टर सरकार के इस निर्णय से गरीब को नगर निकाय क्षेत्रों मेें मकान बनान महंगा होगा वहीं सरकार हर वर्ष कलैक्टर रेट राशी बढाती रहेगी। सरकार किस कदर असंवेदनशील है, यह इसी से पता चलता है कि शहरी नगर निकाय के प्रमुख सचिव ने मीडिया बयान में कहा कि जब एक नागरिक 100 गज का प्लाट डेढ़ से 2 करोड़ रूपये मेें नगर निकाय क्षेत्र में ले सकता है तो वह विकास शुल्क के नाम पर 100 वर्ग गज के प्लाट पर 2 लाख रूपये नगर निकाय को क्यों नही दे सकता। सरकार ने यह विकास शुल्क पहले से लिए उन प्लाटों पर भी ठोका है जिन पर अभी तक मकान नही बने है। 

विद्रोही ने कहा कि विकास शुल्क में एकमुश्त 10 गुणा बढोतरी और 100 वर्ग गज के लिए जो विकास शुल्क 12 हजार रूपये था, उसे अब 2 लाख रूपये करना भाजपा सरकार का ऐसा आमजन विरोधी फैसला है, जिसकी मिसाले बहुत कम मिलती है। आश्चर्य यह है कि भाजपा खट्टर सरकार ऐसे जनविरोधी फैसला करके पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे आमजन पर और बोझ लादकर उसकी आर्थिक रूप से ना केवल कमर तोड रही है अपितु प्रशासन के अधिकारी 10 गुणा से ज्यादा किये विकास शुल्क के औचित्य को सही ठहराने के लिए बेतुके तर्क देकर गरीबों के जख्मों पर नमक और छिडक रहे है। भाजपा खट्टर राज आने के बाद नगर निकाय क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के लिए बुनियादी नगारिक सुविधाएं के आधारभूत ढांचे को तो मजबूत नही कर रही है, उल्टा उन पर विकास शुल्क, हाऊस टैक्स व अन्य टैक्स थोपकर आर्थिक बोझ जरूर लाद रही है।

विद्रोही ने कहा कि भाजपा-संघी सरकार राज आने के बाद चाहे केन्द्र कीे भाजपा सरकार हो प्रदेश की भाजपा खट्टर सरकार हो, लोकतंत्र में सामाजिक सुरक्षा व जनकल्याण की अवधारणा सुनियोजित ढंग सेे खत्म करके आमजन को लूटकर चंद पंूजीपतियों की तिजौरियां सत्ता दुरूपयोग से कैसे भरी जाये, इस सोच पर भाजपा सरकार की सभी नीतिया व कार्यक्रम बन रहे है। लोकतंत्र में सामाजिक सुरक्षा व जनकल्याण की अवधारणा समाप्त करके पंूजीवादी सोच को लादकर आमजन को लूटकर सत्ता दुरूपयोग से चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की फासिस्ट प्रवृत्ति बहुत ही खतरनाक व घातक है। विद्रोही ने हरियाणा सरकार से मांग की कि आमजन को लूटकर सरकारी खजाना भरने की प्रवृत्ति त्यागे व सामाजिक सुरक्षा व जनकल्याण की अवधारणा का पालन करके लोकतांत्रिक सरकार की भूमिका निभाये। 

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