-छात्र नेता दीपांशु बंसल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजा पत्र
-प्रत्येक छात्र से लगभग 550 रुपए लिया गया है परीक्षा शुल्क

गुरुग्राम। गत दिवस मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा प्रदेश में पांचवीं तथा आठवीं कक्षा के छात्रों की बोर्ड परीक्षा न लेने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय पर अग्रवाल वैश्य समाज छात्र इकाई के प्रदेश अध्यक्ष दीपांशु बंसल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र भेजकर छात्रों से स्कूल संचालकों द्वारा लिए गए बोर्डपरीक्षा शुल्क को अभिभावकों को बिना किसी विलंब के वापिस करवाने की मांग की है।

दीपांशु बंसल का कहना है की प्रदेश में लगभग 15 हजार सरकारी स्कूल हंै, वहीं लगभग 8 हजार प्राइवेट स्कूल ऐसे हैं जो हरियाणा शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। इसी के साथ-साथ 1800 प्राइवेट स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त और 200 स्कूल आईसीएसई से मान्यता प्राप्त है। दीपांशु बंसल का कहना है कि लगभग इन सभी स्कूलों द्वारा बच्चो से बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर परीक्षा शुल्क लिया जा चुका है। प्रत्येक छात्र से कुल 550 रुपए स्कूलों द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के लिए शुल्क के रूप में लिए गए है।

मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा परीक्षा लेने का अधिकार राज्यों को दिया गया है, ऐसे में हरियाणा सरकार द्वारा इन परीक्षाओं के आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड को नोडल एजेंसी के रूप में अधिकृत किया हुआ है। दीपांशु बंसल का कहना है कि अब जब बोर्ड परीक्षाएं ही नहीं हो रही तो बोर्ड को परीक्षा शुल्क रखने का कोई अधिकार नहीं है। दीपांशु बंसल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजे गए पत्र में एनएसयूआई की तरफ से मांग करते हुए कहा है कि सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित कर गाइडलाइन निर्धारित करवाई जाए, जिसमें 28 फरवरी 2022 तक यह परीक्षा शुल्क वापिस छात्रों को दिया जाना सुनिश्चित हो। इस शुल्क को बिना किसी विलंब के वापिस किया जाना ही छात्रों व प्रदेश के हित में है।

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